मुझे आज भी याद है उत्तर प्रदेश की परिवर्तन रैली और चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए अपने भाषण में मोदीजी उत्तर प्रदेश की जनता से मुखातिब होकर एक ही बात बार बार कह रहे थे- इस बार आधा अधूरा नहीं, जो करना पूरा पूरा करना… सब जानते थे मोदीजी का इशारा पूर्ण बहुमत की ओर था.
मोदीजी आपकी मेहनत, समर्पण की पहली लहर तो तभी प्रस्फुटित हो गयी थी जब आपने एक कार्यकर्ता के रूप में संघ परिवार का हाथ थाम लिया था.
और आपकी इसी मेहनत, लगन और समर्पण ने ब्रह्माण्ड की योजना को और अधिक तीव्र कर दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि 2014 में इस देश को प्रधानमंत्री के रूप में आपको पाने का सौभाग्य मिला…
उसके बाद जैसे बदलाव की लहरें अपने उफान पर हैं, जिसे कुछ लोग सुनामी भी कह रहे हैं. लेकिन मैं इसे सुनामी कहने के पक्ष में बिलकुल नहीं, सुनामी विध्वंस का प्रतीक है. लेकिन आपकी सृजनात्मक योजनाओं ने देश को नए सृजन का सूत्र देकर आपको उसका सूत्रधार बनाया है..
आपके प्रेम की यह ऊंची लहर देशवासियों के माथे पर जब आशीर्वचन रूप में बरसी तो कोई भी उस प्रेम से अछूता न रहा जिसे आप कभी पूरा, कभी अधूरा कह रहे थे.
मोदीजी प्रेम प्रेम होता है, अधूरा या पूरा नहीं. कहते हैं जब प्रेम दो व्यक्ति के बीच जन्म लेता है तो वो बाँध लेता है लेकिन जब वो व्यक्ति और कायनात के बीच जन्म लेता है तो वो स्वतन्त्र कर देता है.
आपके प्रेम ने हिन्दुस्तान को धर्म, मज़हब, जाति नफरत की सीमाओं से स्वतन्त्र कर दिया… आपने सनातन धर्म की वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत को एक बार फिर जीवंत कर दिया…
एक बार फिर भारत माता अपने अखण्ड सौभाग्यवती होने का सपना संजोये खड़ी है…