बनारस में ही होगी हिंदुओं की अग्नि परीक्षा

अंग्रेज कुछ मामलों में बड़े पक्के होते हैं. रेस्त्रां के बिल का 25% टिप देनी चाहिए, ये वहाँ का संस्कार है. बच्चों को बचपन से सिखाया जाता है.

पर आपको ये जान के आश्चर्य होगा कि British royalty मने वहाँ का राज परिवार कभी टिप नहीं देता. ब्रिटिश राजपरिवार का कोई सदस्य दुनिया के किसी भी होटल या रेस्त्रां में जाता है तो टिप नहीं देता.

जानते हैं क्यों?

क्योंकि राजपरिवार ये मानता है कि आपको हमारी सेवा का मौका मिला क्या यही कम है? अब आपको हम ऊपर से टिप भी दें?

ऐ बनारस वालों… तुम बड़े खुशनसीब हो कि मोदी जी तुम्हारे सांसद हैं. ये तुम्हारा सौभाग्य है कि मोदी जी ने तुम्हें चुना.

इस ग़लतफ़हमी में न रहना कि तुमने मोदी जी को चुना. सत्य ये है कि मोदी ने तुमको चुना.

वरना क्या मोदी जी के लिए सीटों की कमी है? अरे मोदी जी इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ या गोरखपुर क्यों न गए?

आखिर बनारस ही क्यों? जौनपुर, गाजीपुर या बलिया क्यों नहीं? ये बनारस का सौभाग्य है कि मोदी जी ने बनारस को चुना.

इसलिए ऐ बनारसियों…. इतना भी न ऐंठो कि मोदी जी को 3 दिन तेल लगाना पड़े… माना कि फक्कड़ मस्ती की आदत है आप लोगों की…. फिर भी, वफादारी भी कोई चीज़ होती है.

गाजीपुर सातों दे रहा है…. देखें तुम कितना देते हो?

अभी जो समाचार मिल रहे हैं उसमें बताया जा रहा है कि सपा-बसपा ने मोदी जी को बनारस में नीचा दिखाने के लिए 4-4 सीट पर समझौता किया है, एक-दूसरे को अपना वोट ट्रांसफर कर आठों सीटों पर भाजपा को पटखनी देने की योजना है.

इसी प्लान के तहत बसपा उम्मीदवारों ने अंदर खाते अभियान भी शुरू कर दिया है.

खबर ये भी है कि अजय राय ने इस प्लान में शामिल होने से इंकार कर दिया है और हिंदुओं को एकजुट रहने की अपील की है.

अब ये बनारस के मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वो भाजपा और मोदी जी को कितना support करते हैं.

हिंदुओं की अग्नि परीक्षा बनारस में ही होगी….

NDTV के प्रणय रॉय और राजदीप सरदेसाई ने भाजपा की जीत की संभावना जताते हुए जो लेख लिखे हैं उन शब्दों की face value पर न जाएँ.

शब्दों के पीछे छिपे भाव पढ़ना सीखिए.

भाजपा की आंधी बह रही है…. सुनामी है…. ये किसी से छिपा नहीं है.

भाजपा स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने जा रही है, ये सब जानते हैं.

पर इस विजय में भी ऐसा कौन सा नुक्ता भिड़ा दिया जाए कि इस जीत में दाग लग जाए…. प्रणय रॉय और राजदीप के लेख उसी दिशा में उठाया गया पहला कदम है, जो बनारस में मोदी के खिलाफ सेक्युलर गिरोह को गोलबंद करने के लिए उठाया गया है.

अखिलेश, मुलायम और मायावती को इसके लिए मना लिया गया है.

भाजपा के रणनीतिकारों को भी इसकी भनक है.

मोदी जी के 3 रोड शो यूँ ही नहीं कराये गए… आज तक कभी कोई मिसाल है जहां मोदी जैसे कद्दावर नेता ने एक ही शहर में 3 रोड शो किये हों?

मोदी के खिलाफ हो रही गोलबंदी में दादा श्याम देव राय चौधरी अनजाने में मोहरा बन रहे थे.

मोदी ने उनको मनाने की कोशिश तो की है पर उनके एक इंटरव्यू को पुनः मीडिया ने तोड़ मरोड़ के दिखा के उनको फिर से असंतुष्ट दिखाने की कोशिश की है….

पर बनारस में मोदी के खिलाफ गोलबंदी शुरू हो चुकी है. 4 – 4 सीटों पर सपा बसपा की tactical voting की योजना बन चुकी है.

मोदी जी ने भी बनारस को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है. बनारस के हिन्दू भी इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाएंगे क्या?

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