नई दिल्ली. बेहद तेज़ी से बढ़ती जा रही मुस्लिमों की आबादी को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री और गिरिराज सिंह ने अल्पसंख्यक की परिभाषा पर बहस की ज़रुरत बताई है.
गिरिराज सिंह ने कहा, ‘हिंदुस्तान में मुस्लिम की जनसंख्या इतनी है कि उन्हें अब अल्पसंख्यक से बाहर होना चाहिए, अल्पसंख्यक की परिभाषा पर एक बहस की जरूरत है.’
गिरिराज ने ट्विटर पर एक स्क्रीन शॉट ट्वीट करते हुए लिखा- ‘हिंदुस्तान में मुस्लिम की जनसंख्या इतनी है की उन्हें अब अल्पसंख्यक से बाहर होना चाहिए, आज देश को जरूरत है अल्पसंख्यक की परिभाषा पर एक बहस की.’
दरअसल गिरिराज ने जिस स्क्रीन शॉट को शेयर किया है, जिसमें बताया गया है 2050 तक भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्लाम अकेला ऐसा धर्म है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है.
अमेरिका स्थित ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक भारत दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश होगा और यह संख्या 30 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. फिलहाल मुस्लिम आबादी के मामले में भारत दुनिया में इंडोनेशिया के बाद दूसरे नंबर पर है.
गिरिराज सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा- अगर आज देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो हिंदुस्तान का हाल उत्तर प्रदेश के कैराना जैसा हो जाएगा.
गिरिराज सिंह ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है. वो पहले भी कह चुके हैं कि जिस जिले में अल्पसंख्यक 80 प्रतिशत हो फिर वह अल्पसंख्यक कैसे हुए? गिरिराज सिंह सदन के अंदर और बाहर अल्पसंख्यक की परिभाषा पर चर्चा करने की जरूरत बता चुके हैं.
इससे पहले गिरिराज सिंह ने पिछले साल कहा था कि ‘देश की जनता राम मंदिर मांग रही है लेकिन राम मंदिर कैसे बनेगा जब देश में राम भक्त ही नहीं रहेंगे. हिंदू समाज को अपनी आबादी बढ़ाने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा था, ‘देश के आठ राज्यों में हिंदुओं की जनसंख्या लगातार घट रही है. बंटवारे के समय पाकिस्तान में 22 प्रतिशत हिंदू थे लेकिन आज वो एक प्रतिशत रह गए हैं. जबकि उस समय भारत में 90 प्रतिशत हिंदू थे और 10 प्रतिशत मुस्लिम थे और अब मुसलमान 24 प्रतिशत हो गए हैं और हिंदू घटकर 76 प्रतिशत रह गए हैं.’
गिरिराज सिंह ने फरवरी के शुरुआत में भी राम मंदिर का मुद्दा उठाया था. गिरिराज सिंह ने कहा था है कि अगर राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो पाकिस्तान में बनेगा?
उन्होंने कहा था, ‘अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात को बार-बार भाजपा से ही क्यों जोड़ा जाता है. श्री राम केवल बीजेपी के नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों के हैं. हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों हिन्दुओं के हैं.’