देशज में निवाले उर्फ़ बाइट को कौर (कउर) कहा जाता है.
देश के लिए जान देने वाली एक मक्खी भी इस देश के मानस के लिए बलिदानी होती है, हमारे सैनिक तो जीते जी ही…. हमारे लिए आदर्श रहे हैं, राष्ट्र सेवा में शहीद होने पर देश का रोम-रोम इनका ऋणी रहा है और है.
इसलिए कहता हूँ : बिटिया गुरमेहर कौर को कृपया अपने राजनैतिक और वैचारिक अस्तित्व का पेट भरने वाला कौर उर्फ़ निवाला न बनाएं वैचारिक आतंकी गिरोह.
गुरमेहर बिटिया ! यह दुखद है कि तुम्हारे शहीद पापा आज तुम्हारे बीच नहीं हैं : लेकिन यकीन मानो बेटा…. अगर इस्लामी आतंकवाद ने उनकी जान न ली होती तो वो…. तुम्हारे सामने यही कह रहे होते : बेटी ! एक भारतीय के तौर पर मैंने फौज ज्वाइन ही किया बलिदानी जज़्बे के साथ.
बिटिया ! अपने शहीद पिता की बलिदानी आत्मा पर शर्म न ओढ़ाओ.
भारत की सेना बलात्कारी है : के नारेबाज गिरोहों के साजिशी गिद्ध भोज का निवाला उर्फ़ कौर न बनो देश की बिटिया गुरमेहर.
गिरोहों का खेल है यह…. शहरी नक्सली उर्फ़ आपाइओं, लाल आतंकियों और वैचारिक गुलाम गिरोहों के मुंह और हलक से यह साजिशी निवाले उर्फ़ कौर उगलवा दीजिये.