मुहब्बत को सलीके से निभाना कोई तुमसे सीखे..
हर मरहले पर शिद्दत से चाहना कोई तुमसे सीखे..!!
(शायर – नामालूम )
ये एक राजनैतिक ऑब्जरवेशन है जिसकी शुरुआत मुझे एक शे’र के साथ करनी पड़ रही है, और कारण आप आख़री पंक्ति के आने पर समझ जायेंगे.
साहब, इस देश ने नेता बहुत से देखे… लोकप्रिय जननेता कुछ ही देखे… और कुछ ऐसे भी देखे जिनके नाम के बिना भारतीय राजनैतिक जगत का इतिहास अपूर्ण रहेगा.
लेकिन, रॉकस्टार लोकप्रिय जन नेता पहली बार देखा है… पंतप्रधान श्री नरेंद्र मोदी जी… आप वाक़ई एक करिश्माई नेता हैं.. जन नेता हैं.. एक ऐसे नेता जिन्हें बख़ूबी पता है कि ‘मुहब्बत को सलीके से निभाने’ वालों को और मुहब्बत मिलती है!
संदर्भ है कल महाशिवरात्रि के अवसर पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी के कोयंबटूर स्थित ईशा फॉउन्डेशन पर श्री आदियोगी की अद्भुत मूर्ति के लोकार्पण का!
समूचा राष्ट्र और विश्व देख रहा था कि किस तरह देश के प्रधान सेवक श्री मोदी, पूरी तल्लीनता से आदियोगी को निहार रहे हैं, आरती उतार रहे हैं.. और तभी उनकी एक प्रशंसक शिल्पी तिवारी ( Twitter handle – @shilpitewari ) ने कुछ इस अंदाज में मोदी जी से उनके गले में पड़ा स्कार्फ़ माँगा…
मानों अपने घर की किसी चाचा या ताऊ से अपना मनुहार व्यक्त कर रही है… और उसके जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य ये साबित हुआ कि 130 करोड़ देशवासियों के देश का सर्वोच्च, सर्वमान्य नेता ने उसे अपनी भतीजी या भांजी मान के उसे वो स्कार्फ़ भिजवा दिया..!

मित्रों, यहां दो बातें देखने योग्य है – पहली बात जनता का अपने देश के प्रधानमंत्री के प्रति ये भाव.. ये आत्मिक स्नेह और प्रेमिल व्यवहार की शिल्पी तिवारी जी ने उन्हें सीधे सम्बोधित करते हुए अपनी दिल की बात कही.
दूसरी और अधिक महत्वपूर्ण बात जो मोदी जी को हर दिल अज़ीज़ प्रधानमंत्री बनाती.. जो उन्हें एक रॉकस्टार राजनैतिज्ञ बनाती है, वह है उनका इस तरह अपने प्रशंसक को अपना स्कार्फ़ और ऑटोग्राफ़ भेजना.. मानों किसी अंतराष्ट्रीय पॉप स्टार ने किसी को अपनी टी शर्ट भेजी हो..!
यह अपने आप में देश की राजनैतिक क्षितिज में बदलाहट के गरजते बादलों के बीच.. एक तेज बिजली की कौंध है. वाक़ई, यही कहूँगा सभी पार्टियों के छोटे बड़े नेताओं से… साहब लोगों की आवाज बनें.. उनकी सुनें.. उनसे जुड़ें… और मोदी जी से सीखें कि “मुहब्बत को सलीके से निभाना कोई तुमसे सीखे” इसे जिया कैसे जाता है!