ये सिर्फ शिव के चेहरे का अनावरण नहीं, सनातन धर्म और हिंदुत्व पर बरसों से जो परदे डाले जा रहे थे उसको हटाने का महायज्ञ है. सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा तैयार किये गए इस यज्ञ के हवन कुण्ड में माननीय प्रधानमंत्री के हाथों अग्नि प्रज्ज्वलित करवाने के पीछे जो सन्देश है उसे अब हमें समझ जाना चाहिए.
नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए रचे गए षडयंत्र की बात मैंने एक लेख में की थी. विरोधियों और विपक्षियों को भले उनमें सिर्फ एक प्रधानमंत्री दिखाई देता होगा जो कुछ वर्षों तक भारत की बागडोर थामने के बाद चला जाएगा… लेकिन जग्गी वासुदेव सहित भारत की पुण्य भूमि पर जन्म लेने वाले सनातनी ये बात बहुत अच्छे से जानते हैं कि मोदीजी को केवल देश की जनता ने नहीं चुना बल्कि ब्रहाण्ड की एक विशेष योजना के तहत उन्हें भारत के उन्नयन के लिए चुना गया है…
अवतार और किसे कहते हैं, जिसके अवतरण की योजना देवता स्वयं बनाते हैं, जिसके हाथों से कई असुरों का नाश किया जाना तय होता है, जिसके करकमलों द्वारा संपन्न कार्यों से धरती माँ का कल्याण होता है और फिर आने वाली कई पीढियां उसके सुख को भोगती है.
श्री श्री रविशंकर के यमुना नदी पर हुए World Culture Festival में मोदीजी को बुलाना और अभी हाल ही में शिवाजी की मूर्ति के लिए समंदर के बीच जाकर पूजन करवाने के बाद मोदीजी के हाथों आज शिवरात्रि के महान पर्व पर शिव के 112 फीट के चेहरे का अनावरण करवाने के पीछे इन जगत गुरुओं की और ब्रह्माण्ड की योजनाओं के आगे मैं और मेरे जैसे कई भक्त नतमस्तक हैं.
सद्गुरु और मोदीजी जैसे माँ भारती के सपूतों को शिवरात्री की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
खबर पर एक नज़र
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाशिवरात्रि के पावन मौके पर भगवान शिव की 112 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे. पीएम कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में आदियोगी शिव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. ईशा फाउंडेशन की एक विज्ञप्ति के मुताबिक धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है. उन्होंने कहा कि यह प्रतिष्ठित चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है.
इस भव्य चेहरे का डिजाइन और प्राण-प्रतिष्ठा ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने की है. सद्गुरु के मुताबिक आदियोगी को श्रद्धांजलि के रूप में प्रधानमंत्री पवित्र अग्नि को प्रज्वलित करके दुनिया भर में महायोग यज्ञ की शुरुआत करेंगे. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में इस भव्य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में शामिल किया है.
मोदी यहां से करीब 25 किलोमीटर दूर ईशा योग केंद्र में 112 फुट लंबी आदियोगी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करेंगे . पुलिस ने बताया कि चूंकि कार्यक्रम स्थल पश्चिमी घाट में है और केरल की पर्वत श्रृंखलाओं के पास है, लिहाजा राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी ताकि चरमपंथियों एवं नक्सलियों की संभावित घुसपैठ रोकी जा सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोयंबतूर यात्रा के मद्देनजर शहर और इसके आसपास पांच-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है . तमिलनाडु-केरल की सीमा पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं . मानवाधिकार संगठनों, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, किसानों एवं जनजातीय संस्थाओं की ओर से विरोध प्रदर्शन की योजनाओं के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं .
इन संस्थाओं का आरोप है कि आदियोगी की आवक्ष प्रतिमा अतिक्रमित जमीन पर स्थापित की गई है और मोदी की यात्रा से इस जमीन का नियमितीकरण हो जाएगा . चेन्नई में माकपा और भाकपा ने प्रतिमा स्थापित करने में कथित तौर पर हुए कई कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाना चाहिए . मोदी स्थानीय सुलूर हवाई अड्डे पर शाम 5:30 में पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होंगे.
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