नई दिल्ली. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस, राहुल गांधी और यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा.
शुरुआत में ही उन्होंने राहुल गांधी पर चुटकी ली. उन्होंने कहा- ‘धमकी तो बहुत पहले सुनी थी. लेकिन कल आखिर भूकंप आ ही गया.’ उल्लेखनीय है कि संसद के पिछले सत्र में राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं. अगर वे बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘कल भूकंप आया. इस भूकंप के कारण जिन-जिन क्षेत्रों में असुविधा हुई है, मैं उनके प्रति भावना व्यक्त करता हूं. केंद्र सरकार राज्यों के संपर्क में है. कुछ टीमें वहां पहुंच गई हैं. लेकिन आखिर भूकंप आ ही गया. मैं सोच रहा था कि भूकंप आया कैसे. धमकी तो बहुत पहले सुनी थी. कोई तो कारण होगा कि धरती मां इतनी रूठ गई होगी.’
प्रधानमंत्री ने कहा, जब कांग्रेस पार्टी का जन्म भी नहीं हुआ था, 1857 का संग्राम, इस देश के लोगों ने जान की बाजी लगाकर लड़ा था. सब ने मिलकर लड़ा था. संप्रदाय की भेद रेखा नहीं थी, तब भी कमल था, आज भी कमल है.
उन्होंने कहा, कोई भी व्यवस्था हो लोकतांत्रिक हो चाहे कुछ भी, जनशक्ति का मिजाज कुछ और ही होता है. खड़गेजी कह रहे थे कि कांग्रेस की कृपा है कि आप पीएम बन पाए. वाह क्या शेर सुनाया, बहुत बड़ी कृपा की.
पीएम ने कहा, आपने लोकतंत्र बचाया, लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को देश भलिभांति जानता है. पूरा लोकतंत्र एक परिवार को आहूत कर दिया गया है. 75 के कालखंड में देश पर आपातकाल थोप दिया गया था. लाखों को जेल की सलाखों में बंद कर दिया गया था. अखबारों पर ताले लगा दिए गए थे.
उन्होंने कहा, कांग्रेस को अंदाज नहीं था कि जनशक्ति क्या होती है. उसी लोकतंत्र और जनशक्ति की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी इस देश का पीएम बन सकता है.
उन्होंने कहा, आज ज्यादातर राज्य, केंद्र सरकारों ने जन सामर्थ को करीब-करीब पहचानना छोड़ दिया है. लोकतंत्र के लिए ये सबसे बड़ा चिंता का विषय है. मुझ जैसे समान्य व्यक्ति ने बातों-बातों में कह दिया था कि जो अफोर्ड कर सकते हैं, गैस की सब्सिडी छोड़ दें. 2014 में 9 और 12 सिलेंडर पर चुनाव लड़ रहे थे, हमने सिर्फ कहा था और इस देश में 1 करोड़ 20 लाख देशवासी गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आए. ये देशवासियों के लिए बड़ी बात है. हम हमारे देश की जनशक्ति को पहचाने.
अब तक जितनी सरकारें आईं, अब तक जितने पीएम आए, कुछ न कुछ योगदान दिया. पर उस तरफ (विपक्ष) को लगता है कि आजादी सिर्फ एक परिवार ने दिलाई, समस्या की जड़ वहां है. हम देश को पूर्णता में स्वीकार करें. इसलिए जनशक्ति को जोड़कर. कोई इंसान, कोई मंत्र नहीं होता है जो कुछ कर न सके. जरूरत होती है योजक. इस सरकार ने हर शक्ति को संवार कर जोड़ने का प्रयास किया है.
क्या कभी संसद में स्वच्छता विषय पर चर्चा भी हुई है. पहली बार ये सरकार आने के बाद, क्या स्वच्छता को भी राजनीतिक एजेंडा बनाएंगे? आपके इलाके में, कोई भी गंदगी नहीं चाहता है. क्या हम एक स्वर में इस गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए आगे नहीं बढ़ सकते.
भारत एक कृषि प्रधान देश है. पूरा कारोबार कृषि पर है. दिवाली तक पता चल जाता है. अंग्रेज छोड़कर आए हैं, वही परंपरा आगे लेकर चल रहे हैं. मई तक बजट का पालन होता है, फिर तीन महीना बारिश होता है, कोई काम नहीं होता है. फिर दिसंबर से काम होता है और मार्च तक सिर्फ बिल कटते थे. आखिर क्या कारण था कि बजट 5 बजे आता था? किसी ने नहीं सोचा था. किसी ने नहीं सोचा, वहां यूके में 11 बजे यहां शाम के पांच बजे होता है. अटल जी की सरकार आई, तब समय बदला गया.
नोटबंदी पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा, पहले दिन से सरकार कह रही थी कि नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार हैं पर आपको लग रहा था कि मोदी इसका फायदा उठा ले जाएगा. उस वक्त केवल टीवी बाइट देने में मजा आता था. कितना बड़ा बदलाव आया है. जो बारीकी से चीजों का अध्ययन करते हैं, उनका ध्यान जाए.
पीएम ने कहा, 2014 के पहले का वक्त देख लीजिए, वहां से आवाज उठती थी, कोयले में कितना खाया, टू-जी में कितना गया, जल, वायु करप्शन में कितना गया, कितने लाख, कितने करोड़ गए. अब वहां से आवाज आती है कि मोदी जी कितना लाए, कितना लाए. ये मेरे लिए खुशी की खबर है. यही तो सही कदम है, ये मेरे लिए संतोष की बात है. इससे बड़ा जिंदगी में संतोष क्या है.
प्रधानमंत्री ने कहा, खड़गे जी कहते हैं कि काला धन, सोने, प्रॉपर्टी, हीरे में है, सदन जानना चाहता है कि ये ज्ञान कब हुआ आपको? ये कोई इनकार नहीं कर सकता कि करप्शन कि शुरूआत नगद से होती है.
मोदी ने याद दिलाया कि 1988 में जब राजीव गांधी जी पीएम थे, दोनों सदन में बहुमत था. पंचायत से पार्लियामेंट तक सबकुछ आपके कब्जे में था. तो आपाने बेनामी संपत्ति का कानून बनाया, आपको जो ज्ञान हुआ क्या कारण था कि 26 साल तक कानून को नोटिफाइ नहीं किया? आप किसी का नाम देकर बच नहीं सकते, आपको जवाब देना होगा.
उन्होंने कहा, नोटबंदी से पहले इस सरकार ने कानून बनाया. आप कितने ही बड़े क्यों न हो, मैं इस रास्ते से पीछे लौटने वाला नहीं हूं. इस देश के गरीबी के मूल में करप्शन है. देश के पास एक ऐसे वर्ग पनपा जो लोगों को हक लूटता रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि समानांतर अर्थव्यवस्था डेवलप हुई थी. ये विषय आपकी सरकार को पता था. जब इंदिरा जी राज करती थीं तो यशवंत चव्हाण ये बात लेकर गए थे, तो उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को चुनाव नहीं लड़ने क्या?
पीएम ने कहा, हमें चुनाव नहीं देश की चिंता है. जब तक गहरी चोट नहीं लगाओगे, नहीं बदलेगा.
पीएम ने कहा, जब तक शरीर स्वस्थ नहीं होता है तब तक डॉक्टर ऑपरेशन नहीं करता है. नोटबंदी के लिए ये समय करना उचित था. अर्थव्यवस्था मजबूत थी, इसलिए हो पाया.
उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे देश में सालभर में जितना व्यापार होता है, उतना दिवाली के दिन हो जाता है. दिवाली के आसपास कारोबार पीक पर पहुंच जाता है. दुकानदार भी 15-15 दिन बाहर चले जाते हैं. मैंने जो हिसाब किताब कहा था, उसी प्रकार से गाड़ी चल रही है.
प्रधानमंत्री बोले, रेलवे के संबंध में बजट में विस्तार से चर्चा होगी. कभी रेलवे ही परिवहन की धारा था. आज रेलवे के अलावा और कई परिवहन आगे आ गए. हम इसे कम्प्रेहेंसिव लाना चाहते थे. पहले बजट में हमने बताया था कि रेलवे को लेकर 1500 घोषणाएं हुई थीं, खुश करने के लिए रेलवे बजट बनाए जाते थे. ये ऐसी चीजें थी जिनका कागज पर ही मोक्ष हो गया था. हम जानते हैं कि इसका राजनीतिक दृश्य से नुकसान होता है, मुझे ऐसी गाड़ी नहीं चलानी है. मुझे फैसले लेने है, अच्छे फैसले लेने हैं.