श्रद्धा अखंड हो तो मूर्ति खंडित नहीं कहलाती, ढोलकलिया गणेश के पुनः स्थापन की बधाई

dholkal ganesh reconstruction

गुप्त दान का हिन्दुओं में बहुत महत्व है. इसकी वजह से चुपचाप अपना काम कर देने की हिन्दुओं की आदत हो गई. जोर शोर से ढोल नगाड़े बजा कर अपना प्रचार और प्रोपोगेन्डा ना करने का एक छोटा सा नुकसान भी हुआ. हमारे किये अच्छे काम को लोग कम ही जानते हैं.

उदाहरण के तौर पर आप कुष्ठ रोगियों की समस्या को ले सकते हैं. अक्सर कहा जाता है कि कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए टेरेसा ने काफी काम किया. सच्चाई इस से कोसों दूर है. सबसे ज्यादा कुष्ठ रोगियों को ठीक करने और उनकी मदद का विश्व रिकॉर्ड भी हिन्दुओं के नाम ही है. अन्य धर्मों में इन्हें अछूत मानते हैं. जैसे मुहम्मद ने अमरा बिन्त यजीद को कोढ़ हो जाने के कारण तलाक दिया था (इब्ने माजा -जिल्द 3 हदीस 2054 और तबरी -जिल्द 9 हदीस 188).

टेरेसा कुष्ठ को देवी प्रकोप मानकर बीमारों को इसे ईश्वर का दंड समझकर भुगतने कहती थी. इलाज नहीं करती-करवाती थी. बाबा आम्टे जैसे शुद्ध सेवा भाव से काम करने वाले किसी भी “सोल हार्वेस्टिंग” के उद्देश्य से काम करने वाले मिशनरियों से बेहतर होते हैं.

अपने अच्छे कामों के वाबजूद, आक्रामक ना होने के कारण हिन्दुओं को लगातार हमलों का सामना करना पड़ता है. हाल में ही एक आयातित व्यभिचारधारा के अनुयायियों ने 1100 साल से भी ज्यादा पुरानी गणेश जी की मूर्ती को बस्तर में पहाड़ी से नीचे धकेल दिया. इस इलाके में सरकार ने हाल में ही करोड़ों रुपये लगा कर पर्यटन के विकास की योजना को मंजूरी दी थी. जाहिर है ऐसी व्यवस्था से धर्म परिवर्तन के धंधेबाजों को समस्या होती.

पर्यटन के विकास से अगर स्थानीय आदिवासी समुदाय को रोजगार मिलने लगता तो वो उन्हें गरीबी-भूख के नाम पर उकसाते कैसे? शिक्षा आने लगे तो फिर तो बरगलाना और भी मुश्किल हो जाता. ऐसे में उन्होंने अपने बगलबच्चा कम्युनिस्ट गिरोहों की मदद ली और मूर्ति को पहाड़ से नीचे धकेल दिया. कर्मठ स्थानीय हिन्दुओं ने पहाड़ी से नीचे गिरी मूर्ति के सारे टुकड़े ही चुन निकाले और उन्हें जोड़ कर मूर्ति को पुनः स्थापित कर दिया है. इन सभी मेहनतकशों को उनके उत्तम कार्य के लिए साधुवाद!

बाकी जो कुछ महामूर्ख “खंडित विग्रह” जैसा कुछ सिखाने की सोच रहे हैं उन्हें याद दिला दें कि जैसे बछड़े के पी लेने से मंदिरों में चढ़ाया जाने वाला दूध जूठा नहीं होता, वैसे ही हमलावरों के कृत्य से विग्रह भी खंडित नहीं माना जा सकता. ढोलकलिया गणेश के पुनः स्थापन की बधाई!

(चित्र साभार प्रिंट मीडिया)

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