हावड़ा. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के राज में हिन्दुओं के दमन का सिलसिला लगातार जारी है. इस बार राज्य के निशाने पर स्कूली बच्चे आए जो वसंत पंचमी के मौके पर अपने स्कूल को खोल कर हर साल की तरह सरस्वती पूजा की मांग कर रहे थे.
सरस्वती प्रतिमा के साथ रास्ता रोक कर बैठे बच्चों और उनके अभिभावकों पर पुलिस ने लाठी चार्ज और आंसू गैस छोड़ी जिससे कई लोग घायल हो गए जिनमें बच्चे भी शामिल हैं.
दरअसल शिक्षा भवन ने उलबेड़िया के तेहट्ट हाइस्कूल को बंद कर रखा है. इस गाँव के दो गुटों के बीच लगभग एक महीने से संघर्ष चल रहा है. इस संघर्ष के बाद स्कूल के हेडमास्टर भी इस्तीफ़ा देकर जा चुके हैं.
इसी स्कूल को खोलने व स्कूल में सरस्वती पूजा करने की मांग को लेकर छात्रों व अभिभावकों राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवी सरस्वती की प्रतिमा को साथ लेकर रास्ता रोको आन्दोलन कर रहे थे.
उलबेड़िया थाना अंतर्गत खालीसानी मोड़ पर हो रहे इस आन्दोलन को ख़त्म करने पहुंची पुलिस बलपूर्वक राष्ट्रीय राजमार्ग के अवरोध हटानेलगी. इस पर प्रदर्शन कर रहे अभिभावक व स्थानीय लोग ने पुलिस का विरोध किया.
विरोध की तीव्रता और जनसमर्थन के कारण पुलिस वापस लौट गई. लेकिन एक घंटे बाद बड़ी संख्या में वापस पहुंचे पुलिस बल व काम्बैट फोर्स के जवानों ने जमकर दमन चक्र चलाया.
आन्दोलन कर रहे छात्रों और अभिभावकों पर आंसू गैस छोड़ने के बाद जमकर लाठियां भांजी गईं. इस दौरान आन्दोलनकारियों की तरफ से कथित तौर पर पथराव करने के साथ ‘बम’ भी फेंके गए. पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.