लखनऊ. मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक दल समाजवादी पार्टी में मचा घमासान अब तक नहीं थम सका है. चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गुट को असली समाजवादी पार्टी के तौर पर मान्यता दिए जाने के बाद से हाशिये पर शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं.
हालांकि अखिलेश ने शिवपाल, जो कि उनके चाचा भी हैं, को चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बनाया है, लेकिन लगता है शिवपाल को पार्टी में अपना घटा हुआ दर्ज़ा पसंद नहीं आ रहा है. महज़ कुछ दिन पहले अपने लगभग 300 लोगों को पार्टी का टिकट बांट कर किंगमेकर की भूमिका का मज़ा लेने वाले शिवपाल की औकात आज पार्टी के एक उम्मीदवार की रह गई है.
शिवपाल ने अपने इस दर्द को ये कहते हुए साझा किया कि उन (अखिलेश) का एहसान कि उन्होंने पार्टी का टिकट दे दिया. बता दें कि शिवपाल को इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.
शिवपाल ने तंज भरे लहजे में कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अगर टिकट देकर उन पर ‘मेहरबानी’ नहीं करते तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जसवंतनगर से ही चुनाव लड़ते.
शिवपाल ने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद नुमाइश पंडाल में आयोजित जनसभा में आज ऐलान किया कि वह 11 मार्च के बाद नई पार्टी बनाएंगे.
उन्होंने सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर ताना कसते हुए कहा कि आप (अखिलेश) देख लेना कि 11 मार्च के बाद आप सरकार बना लो. हम 11 मार्च के बाद पार्टी बनाएंगे. हम पांच साल से मेहनत कर रहे हैं, आखिर हम कहां जाएं.
इसी तारीख को विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे. सपा छोड़कर गये या निकाले गये नेताओं को उस दल में शामिल करेंगे.
शिवपाल ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस की चार सीटें जीतने की हैसियत भी नहीं है. ऐसे में पार्टी को 100 से अधिक सीटें देने से पार्टी कार्यकर्ताओं को निराशा होगी.
अखिलेश की जगह सपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और फिर हटाए गए शिवपाल ने कहा कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा निकाले गये या बागी हुए उन समाजवादी नेताओं के पक्ष में प्रचार करेंगे, जो चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग किन्हीं कारणवश सपा से अलग हो गये हैं, उन्हें अपनी नयी पार्टी में शामिल करेंगे.