महात्मा गांधी को हमने कैसे जाना है? एक विचारधारा निष्ठ इतिहासकारों की किताबों से, 55 साल सत्ता की चाशनी में मजे उड़ाती राजनीतिक पत्रिकाओं से, ब्रिटिश अधीन प्रेस से, कोंग्रेसियों से, गांधीवादियों से, और शायद लगभग इन्हीं माध्यमों से उस ज़माने के भारतीयों ने भी उन्हें जाना होगा!!
पर सोचिये अगर गांधी बाबा आज होते, 24X7 खबरों की चीर फाड़ करते खबरिया चैनलों के ज़माने में , घटनाओं और व्यक्तियों की बारीक से बारीक सच्चाई बाहर लाने वाले सोशल मीडिया के ज़माने में गांधी बाबा होते तो क्या होता आइये कुछ झलकियाँ देखते हैं!!
तो पहला दृश्य ही गांधी बाबा के आश्रम से शुरू हो रहा है, रात के नौ बजे हैं, आश्रम के सामने पच्चीसों ओबी वेन खड़ी हैं, कोई ढाई सौ तीन सौ पत्रकार फोटोग्राफर चें चें पें पें करते कीड़े मकौड़ों की तरह आश्रम के चप्पे चप्पे में घुसे हुए हैं, हर तरफ अफरा तफरी का माहौल है.
एक मॉडल जैसी दिखती पत्रकार सांस फुला फुला कर कैमरे के सामने बोले जा रही है “देखिये हिन्दू धर्म के नाम पर होते पाखंड को, आइये आपको दिखाते हैं एक पाखंडी हिन्दू संत को जो अपनी पोतियों के साथ नग्न अवस्था में रात भर सोता है, हम उस बाबा के आश्रम के सामने खड़े हैं जो इसे ब्रह्मचर्य का प्रयोग कह कर लोगों को मूर्ख बना रहा है, अभी इसी समय कमरे के अंदर वो पाप होने जा रहा है जिसे सुनकर आप शर्म से गढ़ जाएंगे”.
…..फिर स्टूडियो से आवाज़ आएगी….. “रंजना क्या आप हमें बता सकती हैं पुलिस इस मामले में क्या कर रही है?…. और महिला आयोग की नींद कब टूटेगी?”…. ….
“जी दीपक, हमने पुलिस कमिश्नर से बात करने की कोशिश की थी…… वे अभी किन धाराओं के तहत कार्यवाही की जाए इस पर विचार कर रहे हैं… महिला आयोग अभी सजने संवरने में व्यस्त है”……..
इधर अचानक सोशल मीडिया के योद्धा खबर निकाल कर लाएंगे की पचास की उम्र में गांधी बाबा टैगोर की भतीजी से भी शादी करना चाहते थे, गुस्सा विस्फोट में बदल जाएगा ……..चैनलों पर गर्मागर्म बहसें चलेगी कि आखिर कब तक लोग धर्म के नाम पर इन पाखंडी बाबाओं के चंगुल में फंसे रहेंगे ……फेसबुक ट्विटर पर #SIckMahatma ………ट्रेंड करवाया जायेगा !!
इधर राष्ट्रवादी गांधी बाबा को ब्रिटिश एजेंट सिद्ध करने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे…… उनके 1915 में मद्रास बार काउंसिल मे ब्रिटिश सत्ता की तारीफों से भरे भाषण बच्चा बच्चा अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर करेगा….. जनरल डायर के हाथों मारे गए भारतीयों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने पर बाबा कोर्ट में घसीटे जाएंगे……
इधर भगत सिंह को आतंकवादी कहने और ब्रिटिशों के सामने उसकी माफी की पैरवी ना करने पर देश भर के राष्ट्रवादी सडकों पर उतरेंगे….. खूब आंदोलन होंगे ……. पुतले जलाये जाएंगे ….गांधी बाबा का आश्रम से बाहर निकलना मुश्किल हो जायेगा …..
इधर हिटलर को खत लिखकर “प्रिय मित्र” कहने पर आदर्श लिबरल गांधी बाबा को नाज़ी एजेंट सिद्ध कर देंगे…… चैंनलों पर खूब चिल्ल पों होंगी …….. अर्नब गोस्वामी चीख चीखकर अपना वोकल कॉर्ड ख़राब कर लेगा ……. और आखिर में गांधी बाबा की बची खुची इज्जत उतरेगी.
सुभाष बाबू के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर ….. “बोस की जीत मेरी हार”….कहने पर और फिर सरदार पटेल के सामने से प्रधानमंत्री की कुर्सी छीन नेहरू को भेंट कर बाबा पूरे देश से बच्चे बच्चे से गालियां खाएंगे ……. #GandhiHatesDemocracy ……ट्विटर पर ट्रेंड होगा ….. फेसबुक का बच्चा बच्चा सरदार पटेल का प्रोफाइल पिक्चर लगाएगा…… और दोस्तों ….. अंत में फिर वही होगा जो तब हुआ ….जिद्दी…..अहंकारी और मुस्लिम परस्त गांधी बाबा जब मातृभूमि के टुकड़े करवा देंगे तब कोई नाथूराम फिर उभरेगा और अहिंसा का वो वीभत्स सागर हिंसा के उन पवित्र छींटों पर खत्म होगा !!
आप अन्ना हज़ारे को जानते हैं? उनकी सिर्फ ये गलती रही कि बिचारे इस मीडिया के युग में पैदा हो गए वर्ना वे भी दूसरे गांधी बन जाते और हमारे पोते पोती इनके भी गुण गा रहे होते……!!
(व्यंग्य को व्यंग्य की तरह ही पढ़ा जाए)
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