किसी Kamal R Khan नाम के ट्वीटरिए की ट्वीट का स्क्रीनशॉट दिया है. राजपूतों के लिए उसने जो प्रश्न उठाया है, उम्मीद है कहीं न कहीं और कभी न कभी उसे कमाल का सटीक जवाब दिया जाएगा.
बाकी, जो व्यक्ति उससे सहमत हैं, वे कृपया इन प्रश्नों का जवाब देने की कृपा करें :
1. एक फिल्म आई थी Innocence of Muslims – किसी ने मुस्लिमों पर ज़रा भी ज़ोर ज़बर्दस्ती नहीं की थी उसे देखने. आप को क्या हक था हल्ला मचाने का? वैसे भी फिल्म इंग्लिश में थी, कितने मुस्लिम समझने वाले थे?
2. बिना Satanic Verses पढ़े ही सलमान रश्दी के खून के प्यासे हो गए. किताब तो वैसे भी पकाऊ थी, खुद ही अपनी मौत मरती, आप ने अमर कर दी.
लेकिन ये बताएं, हम जब आपकी विचारधारा को छील देते हैं तो आप लोग एक सुर में मिमियाते हैं कि पढ़ो फिर बात करो.
हम तो पढ़कर, सच्चाई जान कर ही बोलते हैं, आप बिना पढ़े ही सच मान कर बोलते हैं, यह राज़ बात करने पर खुल जाता है.
लेकिन यह बताएं, आप किस हक़ से रश्दी के खून के प्यासे हो गए और उस पर आज भी आपको शर्म नहीं, नाज़ है?
3. तसलीमा को पढ़ा भी, आप ने? एक औरत तो थी. क्या आपकी नज़र में आज की असमा बिंत मरवान हो गई वो? किस हक़ से उस के खून के प्यासे हुए आप लोग?
कोई आप के जकात से पैसे काट कर उसकी किताब खरीदवा रहा था या उस किताब को खरीदने कोई स्पेशल जकात निकाली जा रही थी?
4. शार्ली एब्दो हत्याकांड – फ्रेंच मैगज़ीन थी. वही बात – कोई ज़बर्दस्ती थी आप पर, उसे खरीदकर पढ़ने की? क्यों सोशल मीडिया में उस हत्याकांड का मुसलमानों ने समर्थन किया, उन हत्यारों के लिए यहाँ स्पेशल नमाज हुई – क्यों?
5. सनी देओल की गदर याद है? क्यों बवाल किया था? क्योंकि उसमें एक रसूखदार अश्रफ मुसलमान की बेटी एक काफिर के साथ विवाह कर रही थी? फातिमा उस किरदार का नाम था यह दलील मत दीजिये… जेल में बंद लगभग हर मुसलमान मुजरिम के नाम में मोहम्मद होता ही है, क्या नहीं? वो ठीक है?
अगर इन सब प्रश्नों पर आप के पास उत्तर है तो आप हमारा भी उत्तर समझ रहे होंगे. आप से विनती है कि आप कमाल खान के कान के नीचे हमारी ओर से कमाल की आवाज़ करें.
वैसे तो जब मौका मिले यह काम हम भी करेंगे ही. क्या है ना, बिगड़े बच्चे की वाहियात हरकतों पर पर्दा डालने वाले माँ-बाप को एक बार कहा तो अवश्य जाता है. वे बच्चे को ना सुधारें तो बच्चे का इलाज तो हो ही जाता है कभी ना कभी.
अल्लाह / खुदा आप को नेक नीयत दे.