यदि सांप के पास विष ना भी हो तो भी उसे फुंफकारते रहना चाहिए

भारत –
मोदी उवाच – “मेरा धर्म – राजधर्म, पवित्र ग्रन्थ – संविधान, मन्त्र “सबका साथ सबका विकास “. जनता से एक विनम्र प्रार्थना – नोटबंदी (अर्थ व्यवस्था के लिए ).

इमामे बंग बरकती – उतारो इसे तख़्त से .”जो इनका सर मूड़ के गला काट लाएगा उसे 25 लाख इनाम .” फतवा नाजिल हो .

अमेरिका –
नवनिर्वाचित सर्वशक्तिशाली अमरीकी राष्ट्रपति उवाच –
“हम धरती से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद ख़त्म कर देंगे .”

इमामे बंग बरकती  कहिन – “जी उन्हें भड़काया जा रहा है, उन्हें बरगलाया जा रहा है, अल्लाह ताला उन्हें सच्चाई की राह दिखाए. एक दिन उन्हें इस उम्दा दीन की तासीर समझ आ जायेगी .आमिन ”
?
?
?
?
?
?
?
कुछ् समझे प्रभु.

“क्षमा शोभती उस भुजंग (सांप) को जिसके पास गरल (विष ) हो, उसका क्या जो विषहीन विनीत सरल हो .”

“विनय ना माने जलधि जड़ तीन दिन गये बीत,
तब सकोप बोले श्रीराम “भय बिन होत ना प्रीत “.

चाणक्य उवाच – “यदि सांप के पास विष ना भी हो तो भी उसे फुंफकारते रहना चाहिए नहीं तो चूहे मेंढक भी सवारी करते फिरेंगे .”
अस्तु
“पुरोहित जी का कहना है
फुंफकारते रहना है .”

Comments

comments

LEAVE A REPLY