जेनयू हॉस्टल से जिस बच्चे नजीब के लापता होने के बाद से गिरोहों ने इसे किराँति के मसाले के तौर पर खेलने की कोशिश की उनके लिए खबर अच्छी नहीं है.
होस्टल से नजीब लापता नहीं हुआ बल्कि उसका अपहरण हुआ और इस मामले की एफआईआर दिल्ली के बसंतकुंज थाने में दर्ज है.
अपहरण के बाद नजीब के परिजनों को एक मोबाइल फोन के जरिये 11 लाख रुपयों की फिरौती के लिए फोन भी किया गया.
इसी मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगाने के बाद पता चला कि फोन गोरखपुर के पड़ोसी और नेपाल के सीमावर्ती जिले महराजगंज का है.
दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से महराजगंज के सिविल लाइन निवासी शमीम को गिरफ्तार किया क्योंकि फिरौती के लिए शमीम के ही मोबाइल से फोन किया गया.
शमीम आपराधिक चरित्र का है, और महराजगंज के चौक इलाके के नाथनगर में पिछले साल हुई एक हत्या में शामिल रहा है और जेल भी जा चुका है.
सीजेएम कोर्ट में पेशी के बाद सीजेएम रामकिशोर ने दिल्ली पुलिस की अर्जी पर शमीम की ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर दी जिसके बाद दिल्ली पुलिस उसे अपने साथ ले गयी.
गिरोह, कृपया इस बात से दुखी हों कि जेनयू होस्टल से गायब उनके प्यारे बच्चे नजीब के पीछे संगठित अपराध है, फिरौती है. किराँति ने एक बार फिर इस मसले में भी आने से पहले ही दम तोड़ दिया.
कामरेड! बाजार में कोई चोट्टा अगर जेब काट ले, बिना टिकट सफर करते रेल मैजिस्ट्रेट पकड़ ले, अश्लील हरकत करते हुए छेड़छाड़ का मुकदमा कायम हो जाय… तो इन्हें क्रांति नहीं कहते… अपराध और लॉ एंड ऑर्डर प्रॉब्लम कहते हैं.
सामान्य ज्ञान के ये बेसिक ककहरे सीख-समझ लिया करो… आवाज़ दोओओओ….. हम एक हैंss के गिरोही हुआं-हुआं से पहले.