गोवा के लोग तो जानते है अपने चुनावी मुद्दे, पर यूपी वाले?

मेरे यहाँ आने वाले अंग्रेज़ी अख़बार में आज दो खबरें थीं. एक मेन न्यूज़ थी. अख़बार के पहले पन्ने पर मुख्य हेडलाइन थी और वही खबर फेसबुक पर सभी लोगों की चर्चा में थी.

मोदी सरकार जल्लीकट्टू पर आर्डिनेंस ला रही है. सुप्रीम कोर्ट के जल्लीकट्टू पर बैन को इस ऑर्डिनेंस से हटा दिया जायेगा.

ये खबर सबसे बड़ी हेडलाइन है आज. तमिलनाडु के लोगों की जीत है.

एक दूसरी खबर भी थी जो मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण थी लेकिन शायद किसी और के लिए कभी न हो. इसीलिए अख़बार ने उसे बीच के पन्नो पर कहीं छुपा कर छाप दिया था.

गोवा में जब तक कांग्रेस की सरकार थी. लाखों करोड़ का लोहा और अन्य खनिज गैरकानूनी खनन करके विदेशों में बेच दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने इन शिकायतों को सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एमएम शाह कमिटी बनाई. इनकी रिपोर्ट के बाद अवैध खनन देश भर में बंद किया गया.

गोवा में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी तो न सिर्फ अवैध खनन के खिलाफ कड़े कदम उठाये गए बल्कि दो साल से ऊपर के लिए सभी तरह का खनन रोक दिया गया.

अब पिछले साल से कानूनी तौर पर खनन फिर शुरू हुआ है. इस खनन की दिक्कत ये है कि निकाला गया लोहा विदेशो को एक्सपोर्ट कर दिया जाता है.

गोवा के निवासी इसी एक्सपोर्ट के खिलाफ हैं. उनकी चिंता है कि चुनाव होने वाले हैं, नयी सरकार बनेगी. किसी भी पार्टी की बन सकती है. खनन पर उस नयी सरकार का क्या रूख रहेगा?

इन लोगों का अपना एक गैर राजनैतिक संगठन है. ये संगठन सभी पार्टियों से पूछ रहा है कि खनन, गोवा के जंगलों और पर्यावरण पर उनकी क्या राय है. सत्ता में आने के बाद वो खनन से प्राप्त लोहा विदेश में बेचेंगे या अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए रखेंगे.

यही असली सवाल है. ये प्राकृतिक संसाधन किसके हैं. हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए हैं या कुछ लोगों के लिए एक्सपोर्ट करके अकूत संपत्ति अर्जित करने के लिए हैं.

अभी बेल्लारी में रेड्डी बंधुओं द्वारा शादी में अरबों रूपये बहाये गए थे. याद तो होगा. वो पैसा यही लोहा एक्सपोर्ट करके कमाया गया था.

आज जब प्याज की उपज होती है. दाम कम हो जाते हैं. किसानों को 2-4 रूपये किलो पर प्याज बेचना पड़ता है.

फिर प्याज की अधिकता बताकर प्याज को व्यापारी कई गुना कीमत पर एक्सपोर्ट कर देते हैं. फिर किल्लत आती है.

प्याज 100 रूपये किलो हो जाता है. फिर प्याज इम्पोर्ट होता है. व्यापारी फिर पैसा कमाते हैं.

कल हमारी पीढ़ी लोहा आयात कर रही होगी.

गोवा के लोग जागरूक हैं. बीजेपी की सरकार ने माइनिंग पर रोक लगा दी थी. अब गोवा के लोगों को आने वाले समय की फ़िक्र है.

हम यूपी वालों के क्या मुद्दे हैं? चुनाव तो हमारे यहाँ भी हैं.

किस जाति के कितने वोट हैं. कौन सी पार्टी किसके साथ गठबंधन कर रही है. किस धर्म का उम्मीदवार है. किसको टिकट मिला, किसको नहीं मिला.

दूसरी पार्टियों की हंसी उड़ाते हम. अपनी पार्टी की जीत की घोषणा करते हम.

जब टीवी पर यूपी के चुनावों का डिस्कशन होगा तो सभी जातियों के वोटों को ध्यान में रखकर होगा. किस सीट पर किस जाति के कितने वोट हैं.

समझदार जनता की बात सुनी जाती है और बाक़ी लोगों की गिनती की जाती है.

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