पाकिस्तान की कैद से 114 दिन बाद छूटा भारतीय सैनिक

नई दिल्ली. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीते 29 सितंबर को अनजाने में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार चले गए सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण को पाकिस्तान ने 114 दिन अपने कब्ज़े में रखने के बाद शनिवार शाम वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को लौटा दिया.

पाकिस्तान का दावा था कि चंदू चव्हाण ने 29 सितंबर 2016 को जानबूझकर नियंत्रण रेखा पार की थी और बाद में पाकिस्तान सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. वहीं, भारत का कहना है कि चंदू ग़लती से नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी क़ब्ज़े वाले इलाक़े में पहुँच गए थे.

37वें राष्ट्रीय राइफल के चव्हाण के एलओसी के पार पाए जाने की जानकारी पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर भारतीय अधिकारियों को दी थी.

तब से भारत सरकार, डीजीएमओ और विदेश मंत्रालय सही मंच के जरिए पाकिस्तान से संपर्क में थी. सितंबर में ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि चौहान को पाकिस्तान से वापिस लाने की पूरी कोशिश की जा रही है. चंदू चव्हाण को भारत को सौंपने के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है.

पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक ट्वीट में कहा, ‘पाकिस्तानी सेना भारतीय सैनिक को एक सद्भाव के तहत लौटा रही है.’

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा, ‘भारतीय सैनिक को लौटाने का पाकिस्तान सरकार का निर्णय मानवीय आधार और नियंत्रण रेखा एवं कामकाजी सीमा पर शांति बनाये रखने की प्रतिबद्धता पर आधारित है.’

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