तो एटा के उस स्कूल के 15 बच्चे अभी जीवित होते!

school bus accident eta

स्पेन के आटोनोमस यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना के एक अध्ययन के मुताबिक स्कूल जाने वाले जो बच्चे रात मे 9 घंटे से कम सोते है इससे उनके मानसिक विकास और सीखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. शोधकर्ता ‘रेमन क्लाडेल्स’ के अनुसार इसका असर उनकी ‘संवाद दक्षता’ और गणित जैसे विषय को समझने पर पड़ता है. अनुसंधान के लिये शोधकर्ताओ ने 142 छात्रों पर अध्ययन किया.

इसी प्रकार ‘मिनेसोटा यूनिवर्ससिटी’ और ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जनरल मेडिसिन’ के शोधानुसार जो बच्चे 9 घंटे से कम सोते है उनमे ‘डिप्रेशन’ की संभावना बड़ जाती है. इनके ही शोध में यह बताया गया कि औसतन बालक/किशोर को रात 10:45 तक नींद बिलकुल नहीं आती… यदि रात 11 बजे बालक/किशोर सोता है तो सुबह 8-9 बजे तक सोने पर उसकी 10 से 11 घंटे की नींद पूरी होगी…

इसके बाद नित्यकर्मो के समय को जोड़ने के बाद सुबह 10 से 10:30 तक वह छात्र स्कूल जाने के लिये तैयार हो पायेगा… ब्राउन यूनिवर्ससिटी के अध्ययन के अनुसार सुबह का स्कूल बालक/किशोरो के शरीर के विकास के अनुकूल नही है… इस शोध के परिणाम को देखकर अमेरिका में तो इस बात को लेकर बहस चल रही है कि स्कूलों का समय बदलकर दोपहर में किया जाना चाहिये.

बावजूद इस सबके भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में धड़ल्ले से सुबह के स्कूल चल रहे हैं. जिनका समय सुबह सात बजे से शुरू हो जाता है. प्रात: सात बजे स्कूल पहुंचने के लिये छात्रो को पांच बजे उठना पड़ता है. 30-40 मिनट तैयार होने और 30-40 मिनट के बस से सफर के बाद वह वह अपने स्कूल पहुंच पाता है..

दूसरा पहलू यह है कि भारत उष्ण जलवायु का देश है. जहां गर्मी को सहने की शारीरिक क्षमता भारतीयो में स्वाभाविक रूप से होती है. ठंड में दिन छोटे होने और धूप सेकने के कारण दिन का अधिकांश समय बच्चों का इसी में बीत जाता है.

बुज़ुर्गों की मृत्यु और ह्रदयघात भी शीतकाल मे बढ़ जाते है. इस विषम समय में 3 साल से 14-15 साल तक के बच्चों को सुबह उठाकर स्कूल भेजना उनके बचपन के साथ एक क्रूर अपराध है.

इस सबके बावजूद कल सुबह यूपी के एटा मे LKG से लेकर 7 वीं तक के बच्चों से भरी JS विद्या निकेतन पब्लिक स्कूल की बस घने कोहरे के कारण ट्रक से जा भिड़ी, जिस से 15 स्कूली बच्चो की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी. कई अभी आगरा के हॉस्पिटल में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं.

हर बात में विदेशी शोध और विदेशी अंग्रेजी भाषा/संस्कृति की नकल करने वाला भारतीय (कु)बुद्धिजीवी वर्ग जो संबध बनाने की आयु घटाकर 16 साल करने पर आमादा था ऊपर किये गये शोधों के अनुसार कब अपने बच्चों को बेहतर और सुविधाजनक शिक्षा प्रणाली और नीति अपने देश मे लागू करने के लिये आंदोलित होगा…???

दो वर्ष पूर्व भी 1जनवरी 2015 को पंजाब में एक स्कूल वाहन कोहरे के कारण एक ट्रक से टकरा गया था जिससे उसमें सवार सभी छात्र मारे गये थे.

यदि यूपी के एटा के JS विद्यानिकेतन का समय सुबह 11 या 12 बजे का होता तो वे 15 बच्चे अभी जीवित होते…!!!

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