वो जानता है खूबसूरती महफूज़ है
तितलियों के पास,
हवा आज़ाद है पंछियों के पास…
धरती आवारगी का सफ़र है,
आसमान सितारों का घर है…
खुशबू बंद है सिगरेट की डिब्बी में
और आग मेरी चिट्ठी में….
भेजा है ….
एक फूल तितलियों के लिए
एक उड़ान पंछियों के लिए
एक मंजिल पैरों संग चलती हुई
एक रात आँखों में जलती हुई
लेकिन
एक अंगार होठों पर रह गया है
सिगरेट की तरह इसे आकर बुझा दे…
मेरा सपना नींद के बदन से
राख की तरह झड़ता है…
– शैफाली
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