शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को बननेवाली मानव श्रृंखला को लेकर बिहार के सभी जिलों में पूर्वाभ्यास का दौर जारी है. इस मानव श्रृंखला में सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ स्कूली बच्चे मुख्य रूप से शामिल हो रहे हैं. इस बीच आयोजन को लेकर रोहतास जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक ऐसा तुगलकी फरमान जारी कर दिया है जिसे सुनकर और पढ़कर लोग चकित हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्रांक संख्या- 34, दिनांक- 17.01.17 के जरिये जिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों को पत्र जारी कर इस आयोजन के सम्बन्ध में निर्देश दिया है.
पत्र का विषय है – दिनांक 21 जनवरी 2017 को प्रस्तावित मानव श्रृंखला में भाग लेने के संबंध में.
इस पत्र में आगे लिखा है कि उपर्युक्त विषयक राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में मद्य निषेध के पक्ष में दिनांक 21 जनवरी 2017 को पूरे बिहार में मानव श्रृंखला का निर्माण किया जाना है. चूंकि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी की सहभागिता नितांत आवश्यक है. अतः आप सभी को निर्देश दिया जाता है कि अपने-अपने विद्यालय के सभी छात्र, छात्रों के माता-पिता के साथ स्वयं मानव श्रृंखला में आवश्यक रूप से भाग लेना सुनिश्चित करें.
निर्देश की अवहेलना होने पर समझा जायेगा कि सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में आपकी रुचि नहीं है. साथ ही छात्रों को भी इसकी सूचना दी जाए कि मानव श्रृंखला में भाग नहीं लेने पर समझा जायेगा की छात्रों का नामांकन अवैध है और वैसे छात्रों को लाभ से वंचित किया जायेगा.
अब आप खुद समझ सकते हैं कि ऐसे आदेश के बाद मानव श्रृंखला में भाग लेना स्कूली बच्चों के लिए स्वैछिक नहीं बल्कि अनिवार्य हो जाता है. ये सब तब हो रहा है जब पटना उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि किस कानून के तहत बच्चों को मानव श्रृंखला में शामिल होने को कहा जा रहा है? साथ ही अदालत ने राज्य से गुजरने वाले नेशनल और स्टेट हाइवे को 5 घंटे तक बंद रखने के सरकार के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है.