जल्लीकट्टू पर बैन लग गया!
क्या बात है…
कल को हमारे झारखण्ड, उड़ीसा और बंगाल में होने वाले सोहराय (बांदना) परब के दौरान होने वाले बरदखूंटा को भी बैन कर देंगे…
वैसे मैंने इस सोहराय में एक वीडियो डाला था बरदखूंटा का, तो अपने ही कितने भाईयों ने आपत्ति जताई थी.
फिर मुर्गा लड़ाई बैन होगी… लेकिन मुर्गा काटने पर कोई बैन नहीं.
इसी तरह लगभग हरएक राज्य में कुछ न कुछ मनुष्य और पशु के बीच के सम्बन्ध को किसी न किसी पर्व के रूप में मनाते ही हैं.. लेकिन पशु धन को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
लेकिन काले कोट धारियों और पशु प्रेमियों को इन सब में भयंकर पशु उत्पीड़न दिखाई देता है.. और इन सब को बैन करने में एड़ी चोटी एक कर देते हैं.
ये भयंकर पशु प्रेमी कुछ दिन में बकरों और बछडों का वंध्याकरण भी बैन करवा देंगे…
सम्भवतः इन पशु प्रेमियों ने अब तक किसी बछड़े का वंध्याकरण नहीं देखा होगा…
इनको सामने बिठा के किसी बछड़े का वंध्याकरण दिखा दो, ये नामाकूल अपने अंडकोष पकड़ के दो दिन तक बैठे न रहेंगे तो फिर मुझे कहना.
मज़ाक की बात नहीं है… ये सच में वंध्याकरण पर रोक लगवा देंगे और बोलेंगे कि ये भयंकर ज़ुल्म है एक पशु के प्रति, इसको फौरन बैन करवाया जाय…
ट्रेक्टर के युग में पशुओं पर ऐसा ज़ुल्म क्यों?
फिर भारत सांड़मय हो जायेगा…
और फिर इस के बाद क्या होगा, मालूम है?
ये काले कोट का लबादा ओढ़े बड़का-बड़का बुद्धिजीवी लोग राष्ट्र के नाम सन्देश जारी करेंगे कि देश की आपसी सौहार्द्र को बनाये रखने के लिए निम्न आयोजनों में निश्चित रूप से शरीक होएं-
– कर्बला चौक में आयोजित 1000 सांड़ों की कुर्बानी में अवश्य भाग लें और आपसी भाईचारे को मज़बूत करें.
– थ्रिल से भरपूर ऊँटों का हलाल देखने फलाने मैदान में ज़रूर जाएं.
– रोड किनारे ‘या अली, या हुसैन’ करते, अपने शरीर को ब्लेड और तलवार से जख्मी करते हुजूम में शरीक होइए और अपने बच्चों के साथ-साथ खुद को भी दो-चार ब्लेड मारिये… कर के देखिये बड़ा सुकून मिलेगा.
और ऐसे ही डॉट… डॉट… डॉट…!!
मतलब कि हमारे पर्व-त्यौहार में कुछ न कुछ समस्या है ही… जो कि बहुत ही खतरनाक है…
कभी जल प्रदूषण बढ़ने लगता है, कभी वायु प्रदूषण, तो कभी ध्वनि प्रदूषण, तो कभी पशु-पक्षियों का भयंकर उत्पीड़न… और इस नाते, मतलब मानवता के नाते इन सब पर बैन लगाओ…
और आपसी सौहार्द्र को बनाये रखने के लिए बीच चौराहे में गाय काटो और बीफ पार्टी का आयोजन करो. मुर्गे की टांग के साथ दारु गटकते हुए मुर्गा लड़ाई बैन कराने की बात करो.
फुल एसी कमरे में बैठकर बिसलेरी और एक्वाफिना का पानी पीते हुए पर्यावरण और ओजोन परत क्षरण के ऊपर ज्ञान पेलो.