जी हाँ हम अपने प्रदेश की राजधानी भोपाल में किसी भी समय किसी भीषण हवाई दुर्घटना को निमन्त्रण दे रहे हैं. यह दुर्घटना भोपाल स्थित लाल घाटी क्षेत्र के पास हलालपुरा बस स्टेशन के पास राजा भोज विमान तल पर उतर रहे किसी भी हवाई जहाज़ के साथ हो सकती है. देखते ही देखते नीचे उतर रहे विमान में धमाके के साथ आग लग सकती है और विमान पलक झपकते ही झुलसता हुआ हवाई अड्डे के पास की रहवासी बस्ती में दर्जनों मकानों और भीड़ भरे इलाक़े पर गिरकर सैकड़ों लोगों को जलाकर मौत के हवाले कर सकता है.
ऐसी दुर्घटना किसी आतंकवादी घटना के अंजाम से नहीं होगी अपितु ऐसी त्रासदी का कारण हमारी अपनी मूर्खता होगी, नासमझी होगी. ऐसा इस कारण है कि हमारे प्रदेश में आम नागरिक क़ानूनों की जानकारी और उनके परिचालन के प्रति पूरी तरह उदासीन हो गए हैं. प्रशासकीय अधिकारी और उत्तरदायी अफ़सर सरकारी अकर्यमण्डता के नशे में डूब कर नेताओं की ऊँगलियों पर नाचने वाली कठपुतलियाँ बन कर रह गए हैं. तभी तो इन लोगों ने अपनी सिर पर मँडराती इस सम्भावित हवाई दुर्घटना की संभावना से अपनी आँखें बन्द कर रखी हैं.
16 जनवरी 2017 सोमवार की संध्या मेरे निकट के परिवार की शादी में शामिल होने मैं भोपाल पहुँचा. रात 8 और 9 बजे के दौरान मैंने स्वंय दो हवाई जहाज़ों को रन वे की तरफ़ उतरने के लिए हलालपुरा बस अड्डे के ठीक ऊपर से जाते देखा. उस समय इन विमानों की ऊँचाई बमुश्किल 300-400 फ़ुट रही होगी. उसी समय इस क्षेत्र में मौजूद छोटे बड़े दर्जनों “मैरिज गार्डनों ” से बारातें निकल रही थीं. इन सभी बारातों में दर्जनों आसमान में फूटकर रंग बिरंगी आतिशबाज़ी फैलाने वाले फटाखे फोड़े जा रहे थे.
इन फटाकों की ऊँचाई ज़मीन से ऊपर तक़रीबन 400-500 फ़ुट से ज़्यादा तक होती है. ऐसी हालत में इस सम्भावना को नकारा नहीं जा सकता कि जब कोई हवाई जहाज़ नीचे उतर रह हो उसी समय कोई आतिशबाज़ी की फटाका आकर विमान से जा टकराए. अगर ऐसा हो गया तो परिणाम क्या होगा उसकी कल्पना मात्र से रूह काँप जाती है.
कहा जाता है कि हलालपुरा क्षेत्र के इन सभी मैरिज गार्डनों को अवैध तरीक़े से बनाया गया है. यह पूरा इलाक़ा किसी समय भोपाल के बड़े तालाब का हिस्सा रहा करता था. तालाब के इस भाग में दलदल हुआ करती थी. पर ख़सरा खतौनी में हेर फेर करने में माहिर सरकारी बाबुओं, अफ़सरों और नेता लोगों ने डूब की इस ज़मीन पर सरकार की आँखों में धूल झोंक कर अपने अपने नाम इस ज़मीन का पट्टा करा लिया. फिर राजनेताओं को दाना पानी पिलाकर धीरे धीरे भूमि उपयोग का परिवर्तन कराने की गैर कानूनी अनुमति लेकर इस पूरे इलाक़े में व्यावसायिक उपयोग करना शुरू कर दिया है.
विमानतल परिक्षेत्र नियमन अधिनियम के अनुसार विमान तल से एक निश्चित दूरी के भीतर 30 मीटर से ऊँची कोई बिल्डिंग या टॉवर नहीं बना सकता है. विमान अवतरण क्षेत्र के भीतर कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का प्रक्षेपण नहीं कर सकता है. ऐसे सभी प्रक्षेपणों से यदि विमान को क्षति होने की सम्भावना हो तो यह दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आ जावेगा.
इन नियमों के सन्दर्भ में हलालपुरा स्थित इन मैरिज गार्डनों पर तत्काल बन्दिशें लगाना बहुत आवश्यक है. कहा जाता है कि ग्रीन टिब्युनल द्वारा इन अतिक्रमण पर बने मैरिज गार्डनों को यहाँ से हटाने के लिये नोटिस जारी कर दिये गए हैं. पर सरकार को इन नोटिसों पर अमल करने की कोई चिन्ता नहीं है. सरकार तो भविष्य की किसी भीषण दुर्घटना की प्रतीक्षा कर रही है, जिससे उसे राहत कार्य करने का पुण्य प्राप्त हो सके.
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