हमारे सितारों से प्रभावित होते हैं संपर्क में आए लोगों के सितारे

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I do not pray for anybody, nor I curse. Whosoever remains in my contact, my good stars affect him / her positively.

कहने का तात्पर्य यह कि हमारे सितारे हमारे सम्पर्क में आए लोगों के सितारों को भी प्रभावित करते हैं.

अभी कुछ ही दिन पहले की बात है, एक युवा महिला मेरी दुकान पर आई. उसे कामधेनु गाय चाहिए थी, बैठी हुई. मेरे पास खड़ी हुई थी. बैठी हुई भी थी पर वह बछड़े के साथ थी. उसे किसी ज्योतिषी ने बताया था, बैठी हुई गाय घर में रखने के लिए.

मैंने उसे बताया कि इन सब चीजों के प्रतीकात्मक अर्थ होते हैं. बाकी विश्वास की बात है. यूँ तो वही होता है जो मंज़ूरे खुदा होता है. बैठी हुई गाय का अर्थ यह हुआ कि आपकी इच्छाओं की पूर्ति करते हुए आपके घर में जमी बैठी रहेगी. खड़ी कामधेनु का मतलब यह समझें कि आपके घर में चहलकदमी करेगी और घर के कोने-कोने में सुख-समृद्धि बरसाएगी.

उसे मेरी बात शायद ठीक लगी या अच्छी लगी. उसने दाम पूछा.

मैंने कहा, ‘चार हज़ार रुपये.’

‘नहीं खरीद पाऊँगी,’ उसकी आँखों में आँसू थे. आगे बोली, ‘पंडित ने कहा था, मिट्टी की मिल जाएगी, तीस-चालीस रुपये में.’

फिर उसने अपनी कहानी सुनाई. ‘कहीं कोई काम नहीं बन रहा. दिल्ली की किसी पॉश कॉलोनी में छह महीने पहले पति ने पब खोला है. पति होटल लाइन से हैं. पब बनाने में कई लाख रुपये लग गए. घर का सारा पैसा ख़त्म हो गया पर अभी पब चालू नहीं हुआ, कारण, लिकर का लाइसेंस अभी तक नहीं मिला. ऊपर से दुर्भाग्य यह कि दो दिन पहले रात में वहाँ आग लग गई. सब कुछ जल गया. हमें सुबह पता चला. अब उसके रेनोवेशन के लिए दो लाख रुपये चाहिए. इधर-उधर ज्योतिषियों के चक्कर लगा रही हूँ. समझ ही नहीं आ रहा, कि क्या करें.’

वह महिला MBA थी पर कहीं काम नहीं करती थी. एक साल पहले उसकी शादी हुई थी. मैंने पूछा, ‘तुम कुछ क्यों नहीं करतीं?’

‘पहले पति का यह काम हो जाए, फिर मैं भी अपना कुछ बिज़नेस करूँगी. कोई दुकान ही खोलूँगी. दुकानों के किराए बहुत ज़्यादा होंगे ना?’

मुझे वह अच्छी लगी. साफ़-सच्चे लोग मुझे अच्छे लगते हैं. मैंने उससे कहा कि मेरी अपनी दो दुकानें खाली पड़ी हैं. वह चाहे तो उनमें अपना कोई काम कर सकती है. मैं तीन महीने तक उससे कोई किराया नहीं लूँगी. तब तक उसका काम जम जाएगा.

‘ठीक है. आप अपनी दुकानों के डिटेल्स मुझे मैसेज कर दें. मेरे हज़बेंड की बहुत जान-पहचान है. वे किराए पर भी चढ़वा सकते हैं.’ कह कर वह विदा हुई.

उसी रात को मेरे घर पहुँचते ही उसका फ़ोन आ गया, ‘आंटी, मेरे हज़बेंड पूछ रहे हैं, क्या आप हमें ब्याज पर एक-डेढ़ लाख रुपये दे सकती हैं?’

मैं उसकी इस अपेक्षा से हैरान हुई. ज़ाहिर है, मैंने मना कर दिया और कहा, ‘यदि तुम्हारे हज़बेंड मेरी दुकानें किराए पर चढ़वा दें या बिकवा दें तो मैं उन्हें ब्रोकर वाला कमीशन दे दूँगी.’

बेटे ने सारी बात सुनी तो उसका गुस्सा इन शब्दों में निकला, ‘हर समय धन्ना सेठ बनी घूमती हो. किसी को मुफ़्त में दुकान देती हो, किसी को मुफ़्त में फ़्लैट देती है. धर्मशाला खोल रखी है क्या? अब देख लिया ना, यह चोरनी पीछे लग गई. इससे बच के रहना. दोबारा दुकान में मत घुसने देना.’

इसके एक हफ़्ते बाद मैं शाम को जब दुकान पर पहुँची तो एक किलो मिठाई का डिब्बा मेरी मेज़ पर रखा था. सेल्समैन ने बताया, ‘सुबह वही लड़की दे गई थी जो उस दिन कामधेनु गाय खरीदने आई थी.’

मैंने उसे फ़ोन किया, तो उसकी चहकती हुई आवाज़ मेरे कानों में पड़ी, ‘आंटी, जिस दिन आपके पास आई थी, उसके अगले दिन ही लिकर का लाइसेंस मिल गया. पैसे का इंतज़ाम मेरा मंगलसूत्र बेच कर हो गया. गहने फिर बन जाएंगे. बस, अब यह काम शुरू हो जाए. एक महीने में पब शुरू हो जाएगा. आपको invitation भेजूँगी. ज़रूर आइएगा. मैं और आप साथ बैठ कर ब्रीज़र (Breezer) पिएँगे. और हाँ, यदि कभी आपकी दुकान लेने का मन बना तो किराए पर लूँगी, मुफ़्त में नहीं.’

इति सम्पन्न मेरी श्लाघा कथा.

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