मोदी सरकार की एक और उपलब्धि, एक जुलाई से लागू होगा GST, केंद्र-राज्यों में बनी सहमति

नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रशासन को लेकर गतिरोध समाप्त हो गया. केंद्र अधिकतर छोटे करदाताओं पर नियंत्रण का जिम्मा राज्यों को देने पर सहमत हो गया लेकिन इसे अब एक अप्रैल की बजाय एक जुलाई से लागू किया जायेगा.

इससे पहले, जीएसटी को एक अप्रैल से लागू किये जाने की योजना थी. जीएसटी के तहत करदाताओं का विभाजन दोनों के बीच क्षैतिज रूप से किया जाएगा. डेढ़ करोड़ से कम सालाना कारोबार वाले 90 प्रतिशत करदाता का जिम्मा राज्यों के पास होगा और शेष 10 प्रतिशत केंद्र के दायरे में आएंगे.

केंद्र तथा राज्यों के बीच 1.5 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाले करदाताओं का नियंत्रण 50:50 के अनुपात में होगा. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक करदाता का आकलन केवल एक बार किया जाएगा और केवल एक प्राधिकरण करेगा.

नियंत्रण छोड़ने के अलावा केंद्र तटवर्ती राज्यों की मांग पर भी सहमत हुआ है. उन्हें 12 समुद्री मील में आर्थिक गतिविधियों पर कर लगाने की अनुमति होगी. हालांकि संवैधानिक रूप से केंद्र का क्षेत्रीय जलक्षेत्र पर नियंत्रण होगा.

बैठक के बाद जेटली ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण प्रगति है.’ कर के चार स्लैब दर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर सहमति पहले ही हो गयी है. इसके साथ वस्तु एवं सेवा कर के प्रशासन के मामले में सहमति से इससे जुड़े कानून के मसौदे को अंतिम रूप देने का रास्ता साफ होगा. जीएसटी उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा वैट जैसे केंदीय तथा सेवा कर को समाहित करेगा.

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि समन्वित जीएसटी या आईजीएसटी के साथ-साथ एसजीएसटी तथा सीजीएसटी को जीएसटी परिषद की 18 फरवरी को अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा.

जीएसटी या आईजीएसटी वह कर है जिसे केंद्र वस्तुओं एवं सेवाओं की अंतर-राज्यीय आवाजाही पर लगाएगा. उन्होंने कहा कि एक बार मंजूरी मिलने के बाद परिषद विभिन्न कर स्लैब में वस्तुओं और सेवाओं पर कर लगाने के बारे में फैसला करेगी.

जीएसटी के प्रशासन पर गतिरोध से जीएसटी परिषद में नवंबर से आम सहमति नहीं हो पा रही थी. इससे पहले, लगातार चार बैठकों में गतिरोध खत्म नहीं हो पाया क्योंकि केंद्र क्षैतिज विभाजन के पक्ष में नहीं था. उसने कहा कि राज्यों के पास सेवा कर जैसे शुल्कों के प्रशासन के संबंध में विशेषज्ञता नहीं है.

जेटली ने कहा, ‘जीएसटी क्रियान्वित करने की वास्तविक तारीख अब एक जुलाई है जबकि पहले यह एक अप्रैल थी.’ उन्होंने कहा कि चूंकि जीएसटी एक सौदा कर है, जिसे बिक्री वाले स्थान पर लगाया जाता है, अत: वित्त वर्ष की शुरूआत से क्रियान्वित करने की आवश्यकता नहीं है.

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