लालू के करीबी के बैंक पर छापा, आरोप-प्रत्यारोप शुरू

पटना. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले में सज़ायाफ़्ता लालू प्रसाद यादव के एक कथित करीबी के कोऑपरेटिव बैंक पर आयकर विभाग के छपे के बाद प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है.

प्रदेश भाजपा ने इसे लालू के नोटबंदी-विरोध की पोल खुलना बताते हुए गंभीर आरिओप लगाए हैं. वही सत्ता में लालू की भागीदार जदयू ने लालू यादव का बचाव करते हुए भाजपा पर आर्थिक फर्जीवाड़ा करने का आरोप मढ़ दिया है.

पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के अत्यंत करीबी और उनके कबाब मंत्री कहे जानेवाले अनवर अहमद के अवामी कोऑपरेटिव बैंक व कई ठिकानों पर हुई इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद नोटबंदी का विरोध कर रहे राजद और उसके नेताओं का चेहरा लोगों के सामने है.

मोदी ने कहा, नोटबंदी का विरोध कर रही राजद का चेहरा बेनकाब हो गया है. उन्होंने कहा कि अनवर अहमद के जरिये इस बैंक पर अप्रत्यक्ष तौर पर लालू प्रसाद व उनके परिवार का ही कब्जा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 साल से बैंक पर कब्जा जमाये अनवर अहमद के जरिये नोटबंदी के बाद 100 से अधिक बेनामी खातों में राजद नेताओं के करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद किया गया.

इस बैंक से लालू प्रसाद के परिवार का लेन-देन होते रहा है. बैंक में राबड़ी देवी (बचत खाता संख्या 6651) और लालू प्रसाद (बचत खाता संख्या 6040) के खाते हैं. लालू प्रसाद का परिवार इस बैंक से कर्ज और अन्य लेन-देन भी करता रहा है.

इसके जवाब में जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने सुशील कुमार मोदी के आरोपों पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का खुलकर बचाव करते हुए कहा कि अनवर अहमद से पिछले कई सालों से लालू प्रसाद से कोई संबंध नहीं है. लालू प्रसाद के यहां अनवर का किसी भी तरह का कोई आना जाना नहीं है.

इसके साथ ही संजय सिंह ने कहा कि भाजपा आर्थिक फर्जीवाड़ा कर रही है. पीएम ने गोपनीयता का हवाला देकर नोटबंदी के बारे में किसी को नहीं बताया. लेकिन, अमित शाह से यह गुप्त जानकारी जरूर साझा की थी. कालेधन को जेवरात और संपत्ति के रूप में छुपा लिया गया है.

संजय सिंह ने कहा, मोदी पुरानी बातों को लेकर आरोप लगा रहे हैं, वे सही जानकारी जुटायें फिर आरोप लगायें. उन्होंने कहा कि जब आयकर और ईडी जांच कर रही है तो फिर सुशील मोदी किस तरह से ऐसे आरोप लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जदयू भाजपा कार्यालय के जमीन खरीद के मामले पर सवाल कर रहा है कि इसमें पुराने नोट का कैश में लेन देन हुआ है. भाजपा हर जिला इकाई को जमीन और भवन के लिए एक-एक करोड़ दे रही है.

सिंह ने कहा, भाजपा प्रदेश कार्यालय के लिए 15 करोड़ दिये गये हैं. भाजपा की सालाना आय 970.43 करोड़ हैं. जमीन खरीदने और कार्यालय बनाने में 1914 करोड़ खर्च होंगे. इतनी राशि कहां से आयेगी.

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