सामग्री
गाजर –दो किलो
चीनी –दो किलो
केवड़ा –आधा चम्मच
हरी इलाइची –10 -15
विधि
- गाजर को टुकडो में काट लें (अगर बीच का हिस्सा सख्त हो तो उसे निकाल दें).
- एक बर्तन पानी, चीनी और गाजर डालकर थोड़ी देर (पांच मिनट) पकाएं.
अब इसे दो धन्टे के लिए छोड़ दें. - फिर मीडियम आंच पर गाजर गलने और चाशनी गाढ़ी होने तक पकाएं.
अब इसमें केवड़ा और इलाइची डाल दें. - अब इसे ठंडा कर के किसी बर्तन या जार में भर लें. मुरब्बा तैयार है.
गाजर के फायदे
गाजर में विटामिन ‘ई’ प्रचुर मात्रा में होता है. इसमें एक विशेष गुण यह रहता है कि इसके सेवन से नवीन रक्त का निर्माण शीघ्रता एवं प्रचुरता के साथ होता है. इसलिए यह प्रकृति-प्रदत्त उत्तम टॉनिक का कार्य भी करती है.
इससे रक्त में कैंसर के कोष विकसित नहीं हो पाते. गाजर के जूस का कुछ दिनों तक सेवन करते रहने से खांसी, दमा, पेशाब की जलन तथा पथरी से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है. गाजर के पाक तथा मुरब्बे का सेवन करने से शरीर पुष्ट बनता है.
हमारी स्वदेशी चिकित्सा पद्धति में ‘आयुर्वेद’ गाजर को यौन शक्तिवर्धक टॉनिक मानती है. गाजर और मूली के रस को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर नियमित पीते रहने से लिंग की दुर्बलता दूर होने के साथ यौन शक्ति में अत्यन्त लाभ होता है.
दुबले एवं शुक्र दौर्बल्य से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह प्रकृति प्रदत्त बेहतरीन तोहफा है. ऐसे व्यक्तियों को गाजर का पाक या खीर कुछ दिनों के लिए लगातार सेवन करना चाहिए. शहद में तैयार किया गया गाजर का मुरब्बा अत्यंत कामोत्तेजक होता है.
बच्चों के दांत निकलने के समय गाजर के रस को पिलाते रहने से दांत आसानी से निकल जाते हैं तथा दूध भी उचित रूप से हजम होने लगता है. बच्चा जब चलने के लायक हो जाए तो उसे गाजर और संतरे का रस मिलाकर देने से वह ताकतवर बनकर शीघ्रता से चलने लगता है.
गाजर के रस का पान हमेशा दोपहर में ही करना अत्यधिक लाभप्रद होता है. हमेशा ताजा गाजरों का ही रसपान करना चाहिए. रसपान के तुरन्त बाद या पहले भोजन नहीं करना चाहिए.