सेना से भारतीयों का विश्वास डिगाने की साज़िश तो नहीं ये!

जब हरामखोरी और नीचता अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाती है तो इंसान एक ख़ास किस्म की राजनीतिक प्रजाति में परिवर्तित हो जाता है…

अब नया बखेड़ा खड़ा कर दिया कि सरकार द्वारा अर्धसैनिक बलों और सेना में भेद भाव किया जाता है….

ये बयान उस राजनीतिक दल का है जो कुछ सालों पहले सच्चर कमेटी बना कर भारतीय सेना में मुसलमानों की गिनती करा रही थी….

ये बयान उस राजनीतिक दल का है जिसे इस बात की चिंता सता रही थी कि आईबी और रॉ जैसी संस्थाओं में मुसलमानों को क्यों नहीं रखा जाता…

पिछले कई महीनो से देश में सर्वाधिक चर्चित संस्था अगर कोई है तो वो सेना है… चाहे मामला सर्जिकल स्ट्राइक का हो या फिर वन रैंक वन पेंशन का… या फिर दिल्ली में पूर्व सैनिक द्वारा की गयी आत्महत्या… या फिर अब BSF जवान तेजबहादुर द्वारा खराब खाने की शिकायत का…

भारत में सेना हमेशा से ही जनप्रिय संस्था रही है…. यानी हर भारतीय दिल से अपनी सेना को प्रेम करता है…. शायद यही कारण है कि मोदी जी हर दीपावली सेना के साथ मनाते हैं….

1999 में सेना ने पाकिस्तान को करगिल में धूल चटा दी थी… पूरे देश में सेना के प्रति सहानभूति की ऐसी लहर चली कि वाजपेयी सरकार फिर से बहुमत में आ गयी….

कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से जनता में फिर से सेना को लेकर सहानभूति की लहर दौड़ पड़ी है… जिसका फायदा भाजपा को 5 राज्यों के चुनावों में मिल सकता है…

इसलिए सेना के जरिये ही सरकार को बदनाम करो…. आप कहते हो कि चंद मुसलमानों की हरकतों के कारण पूरी मुस्लिम बिरादरी का नाम नहीं खराब करना चाहिए….

तो साहब एक या दो जवानों के अहमकाना बयान को पूरी भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ क्यों जोड़ा जा रहा है?

अमां खराब खाना मिल रहा है तो सेना में ही अलग-अलग शिकायती विभाग बने हैं उसमें शिकायत करो….

फेसबुक पर…. youtube पर सेना में मिलने वाले खाने की बुराई करने वालों तुम सैनिक ही नहीं हो… क्योंकि सैनिक शिकायत नहीं करते….

आज पाकिस्तानी न्यूज़ रूम में हमारी खिल्ली उड़ाई जा रही है… जिनकी औकात हमारे सामने आँख उठाने की भी नहीं थी, वो तुम जैसे भुक्कड़ सैनिक की वजह से हमारी सेना पर ऊँगली उठा रहे है….

अरे अगर तुम्हारा लड़का पढने में कमजोर हो तो क्या समाज में घूम-घूम कर इसका ढिंढोरा पिटोगे? या फिर उसे सुधारने का काम करोगे….

भारतीय सेना तो वो है जो हफ़्तों बिना खाए-पिए दुश्मनों को धूल चटा सकती है… हम संसाधनों का रोना नहीं रोते…. हर संस्था में कमी होती है….

दुनिया की सबसे शक्तिशाली कही जाने वाली अमेरिकी सेना में भी कमी हो सकती है… जिसे दूर करना या सुधारने की जरुरत है ना कि प्रचारित-प्रसारित करने की…

और सेना के नाम पर वोट की राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों को कोई दूसरा मुद्दा खोजना चाहिए….

लेकिन जब विपक्ष के मुख्य नेता चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री की मिमिक्री करें और उनका मजाक उड़ायें तो समझ जाइये कि विपक्ष के पास मुद्दों का घोर अकाल पड़ा है….

5 राज्यों के चुनावी परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं…. देश की सबसे पुरानी पार्टी का नाम तो आपको इतिहास के पन्नो में खोजना पड़ेगा और एक अन्य दल के लोगों को तो इसी देश की जनता चौराहों पर खदेड़-खदेड़ कर मारेगी…. बस, इंतज़ार कीजिये उस सुनहरे पल का!

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