मोदी ने तो हम सब पेशेवर धरना-आयोजकों का धंधा ही चौपट कर दिया है ! साथियों, ये सरासर जुल्म है.
मोदी की ‘फासिस्ट’ सरकार ने धुंए में फेफड़ा खराब करती डेढ़ करोड़ गरीब महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन मुफ्त में मुहैया करा दिया…
चार करोड़ किसानों को नयी फसल बीमा दे दी, सत्तर साल के बाद भी अँधेरे में रह रहे हज़ारों गांवों में बिजली पहुंचा दी, मैला ढोती महिलाओं को टैक्सी-ड्राईवरी की ट्रेनिंग शुरू करा दी…..
अनुसूचित जाति पर अपराध की त्वरित सुनवाई के क़ानून बनवा दिए, ऐसे पीड़ितों को बेहतर मुआवजे तय कर दिए….
बैंक से अनजान रहे छब्बीस करोड़ गरीबों को जनधन बैंक अकाउंट खुलवा दिए, उन गरीब परिजनों को राहत के लिए बीमा भी करवा दिया…..
अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों का खुद का बिजनेस हो इसलिए उनके लिए ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना में लोन करा दिया….
आवास योजना में लाखों गृह-निर्माण के लिए निर्धनों को एकदम सस्ते दर पर ऋण की व्यवस्था कर दी….
ठेले-खोमचे वालों समेत हज़ारों छोटे मोटे धंधे वालों के लिए मुद्रा स्कीम से आसान ऋण उपलब्ध करा दिया, और न जाने क्या क्या….
अरे इनकी गरीबी इनकी मुश्किलें ही तो हम ‘मसीहाओं’ का हथियार है, इन्हें ही कम करने लगे मोदी.
किसको बुलाएंगे हम धरनों में अब! साथी, 2016 से ज़्यादा बुरा तो कोई साल कभी हुआ ही नहीं!
मेरे लालबुझक्कड़ साथियों, ये हम पेशेवर धरनाबाजों के पेट पर लात है. ए.सी. का स्विच ऑफ़ करो, गाड़ी निकालो, और झोला झंडा के साथ चलो जंतर मंतर!
इस फासिस्ट सरकार के खिलाफ आवाज़ लगाओ – “हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिए हम लड़ेंगे साथी” !