BSF जवान का वीडियो : यूपी में चुनाव हैं, फिर अख़लाक़ जन्मेगा, फिर ब्यायेगी असहिष्णुता

आप मानें या ना मानें, मोदी ने 2014 का पूरा चुनाव केवल और केवल मीडिया के दम पर जीता था. सोशल और मेन स्ट्रीम दोनों. जब तक दूसरे दलों को खेल समझ में आता, बाज़ी हाथ से निकल चुकी थी.

फिर बिहार चुनाव आते-आते उन्हें भी ये खेल समझ में आया और मोदी के सबसे बड़े सिपहसालार प्रशांत किशोर को तोड़ लिया गया. फलस्वरूप अख़लाक़ और असहिष्णुता जन्मी. बाज़ी पलट दी गयी.

अगर आप ध्यान से देखें तो सारा खेल परसेप्शन का है… माहौल बनाने का है. आज रैलियों में जाता कौन है… केवल बसों में भर कर किराये पर लाए गए लोग. चाहे कोई भी दल हो.

असली खेल चलता है हमारे-आपके ड्राइंग रूम में जहाँ उस भीड़ को सीधे प्रसारण में दिखाया जाता है. आपको लहर दिखाई जाती है.

इसीलिए सारे दल बसों में भर कर लोग लाते हैं. क्या रैली में आने वाले लोग उस दल को वोट देंगे… पता नहीं… और who cares…

खेल तो टीवी, whasapp और facebook, twitter पर होगा. जहाँ लहरें बिगाड़ी और बनाई जाती हैं.

और ये सब होता है स्विंग वोटर को तोड़ने के लिए. जिसने उसके दिमाग में भर दिया कि फलानी लहर है या फलाना गलत है… उसने मैदान मार लिया.

अब जरा इस BSF वाले वीडियो को ध्यान से देखने की जरूरत है. कश्मीर की चोटी पर आपको दाल, रोटी, चावल और मटर-पनीर की सब्जी मिली है खाने में…

फिर भी रो रहे हो… क्या चाहिए आइसक्रीम और गुलाबजामुन! बॉर्डर पर खड़े हो बारात में नहीं आये हो.

पूरा पूर्वांचल और बिहार, रोज़ ऐसी ही हल्दी नमक वाली दाल खाता है. प्याज़, टमाटर के तड़के वाली कभी-कभी ही खाई जाती है. इसमें कोई अनोखी बात नहीं है.

लेकिन रुको… अरे आप तो अच्छे भले पराठे को चाय की भाप के साथ लगा कर कह रहे हो कि जला हुआ या यूँ कहो “जलता हुआ” पराठा है… चीटिंग है भाई चीटिंग है. VRS लेने के बाद रिटायरमेन्ट प्लानिंग… चीटिंग है भाई चीटिंग है…

अरे…. रे… रे… रे… याद आया यूपी में इलेक्शन हैं… फिर से अख़लाक़ जन्मेगा फिर से असहिष्णुता ब्यायेगी.

मोदी तूने सर्जिकल स्ट्राइक की थी ना… ले निबट अब इस शगूफे से. जब तक जाँच वाँच होगी तब तक तो इलेक्शन ख़तम…

तो भाइयों परसेप्शन का खेल शुरू चुका है…. कृपया हर मंच पर इस खेल को उजागर करें. हम ये सोच कर रह जाते हैं कि अरे छोड़ो यार आर्मी वाला है… अरे कौन बहस में पड़े…

लेकिन बात गंभीर है. आर्मी वाला है तभी तो बहस में पड़ने की जरूरत है. हम ये नहीं कहते कि आर्मी में करप्शन नहीं है, लेकिन TB और कुपोषण का शिकार जवान मैंने तो नहीं देखा… और अगर आपने भी नहीं देखा तो पूरी ताकत से और हर मंच पर इस धोखाधड़ी को उजागर करें.

ये वीडियो केवल और केवल उन स्विंग वोटर्स के लिए ही फैलाया जा रहा है ताकि उनके दिमाग में संशय पैदा किया जा सके. आपका फर्ज है कि आप भी उन स्विंग वोटर्स को तस्वीर के दूसरे पहलू से वाकिफ कराएं.

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