कटनी. फर्जी खातों के जरिए 500 करोड़ के हवाला कारोबार की जांच कर रहे मध्य प्रदेश के कटनी जिले के एसपी गौरव तिवारी को हटा दिया गया है. राज्य सरकार ने महज़ छः महीने में ही गौरव तिवारी का तबादला कर दिया है.
सोमवार देर शाम जारी राज्य सरकार के आदेश के बाद मंगलवार को कटनी की जनता ने स्वस्फूर्त बंद कर अपना विरोध जताया और एसपी गौरव तिवारी का तबादला रद्द करने की मांग की.
एक्सिस बैंक और अन्य बैंकों में फर्जी खातों के जरिए 500 करोड़ के हवाला कारोबार को उजागर करने वाले गौरव तिवारी को ट्रांसफर के बाद छिंदवाड़ा एसपी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
कटनी में किसी पार्टी या संगठन ने नहीं बल्कि आम जनता ने ही बंद बुलाया था. इसमें व्यापारी वर्ग से लेकर सभी लोग शामिल थे.
कटनी के सुभाष चौक पर हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए. पूरा बाजार भी बंद रहा. लोगों ने तिवारी का ट्रांसफर रद्द करने की मांग की.
गौरव तिवारी के बारे में दबे स्वरों में कहा जा रहा है कि कथित तौर पर एक मंत्री के दवाब में कटनी से छिंदवाड़ा स्थानांतरित कर दिया गया है, क्योंकि इस कथित मंत्री के हवाला कारोबार से जुड़े होने की बातें सामने आने लगी थी.
उल्लेखनीय है कि कटनी जिले में कई फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंकों में खाते हैं और इन खातों के जरिए बड़े पैमाने पर करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ. जांच के दौरान एसपी तिवारी ने भी इस बात का खुलासा किया था कि कई फर्जी खातों से करोड़ों का लेन-देन हुआ है.
इसकी जांच एसआईटी भी कर रही है. एसआईटी ने पिछले सप्ताह दो लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिसके बाद घोटाले से सरावगी बंधुओं का कनेक्शन सामने आया था. सरावगी बंधु की शिवराज कैबिनेट में एक रसूखदार मंत्री से करीबी रिश्ते बताए जाते हैं.
कांग्रेस विधायक सौरभ सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए सरकार के मंत्री संजय पाठक पर हमला बोला. उन्होंने हवाला कारोबार की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए राज्य सरकार के मंत्री पाठक के इस्तीफे की मांग की है.
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने तिवारी के मामले में PMO और अमित शाह को लेटर लिखा है. उन्होंने संजय पाठक को मंत्री पद से हटाने की मांग की है.
गौरतलब है कि प्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री संजय पाठक कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए. खनन उद्योग से जुड़े पाठक को पार्टी में शामिल के बाद ही मंत्री पद भी मिल गया था.
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले रजनीश तिवारी को आयकर विभाग का नोटिस आया था. रजनीश को एस.के. मिनरल्स का निदेशक बताते हुए बैंक में खाता खोला गया और उसके खाते से करोड़ों की रकम का ट्रांसफर हुआ, जिसके बाद लगातार एक के बाद एक खुलासे होते गए.
एसपी गौरव तिवारी फर्जी खातों से 500 करोड़ रुपए के हवाला लेन-देन की जांच कर रहे थे. पिछले हफ़्ते 4 जनवरी को एसआईटी की जांच में घोटाले के सबसे बड़े सूत्रधार सरावगी बंधुओं के नाम सामने आए थे.
इनके चार नौकरों के नाम से कई बोगस कंपनियां बनाई गईं थीं. इन बोगस कंपनियों के खातों से करीब 100 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन की बातें सामने आ चुकी हैं.
6 जनवरी तक सरावगी के दो नौकर संदीप बर्मन और संजय तिवारी को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने पूछताछ में सरावगी के राज्य सरकार में मंत्री संजय पाठक के रिश्तेदारों से नजदीकियों की बात बताई थी.
बहरहाल इस घोटाले के जांचकर्ता गौरव तिवारी के ताबदला प्रकरण में सफाई देते हुए राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रक्रिया के तहत ही यह ट्रांसफर किया गया है. वो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. उनकी जरूरत छिंदवाड़ा में हैं. हवाला मामले की जांच चल रही है.