बंगलुरु से अचानक से लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की खबर आती है….. देश की सारी लड़कियां एकदम से बेचारी अबला नारी हो जाती है…. सोशल मीडिया पर लाल झंडे … और लाल बिंदियों की भरमार….
बॉलीवुड से ही नहीं, खेल जगत से भी स्टेटमेंट्स आने लगते हैं…. अक्षय कुमार, विराट कोहली… लोग बलात्कार को भूल, सेलेब्रिटीज़ के स्टेटमेंट्स पर बहस करने लगते हैं….
पूरा देश मधुमक्खी की झुण्ड की तरह किसी एक मुद्दे पर टूट पड़ता है…..
बहुत से लोगों ने मुझे टैग करते हुए लिखा … आप इस केस पर क्यों कोई खबर नहीं डाल रही…. मैं चुप रही….
इधर पता चलता है मोहतरमा के मुस्लिम जीजा की सुनियोजित योजना थी… साली को पाने के लिए….. छेड़छाड़ का सिर्फ एक ड्रामा था…
लेकिन उससे क्या फर्क पड़ता है… भारत में लड़कियां सुरक्षित नहीं इस बात का प्रचार प्रसार जिन्हें करना था वो कर चुके… यह बात गंभीर इसलिए भी मानी जानी चाहिए कि इसी समय केंद्र सरकार द्वारा बंगलुरु में ही युवा प्रवासी भारतीय सम्मलेन का तीन दिवसीय आयोजन किया गया था…
एक केस निपटा ही था कि एक फौजी का वीडियो वायरल हो जाता है…. फिर लोग मेरे इनबॉक्स वीडियो का लिंक लेकर आ जाते हैं…
माँ आप इसे मेकिंग इंडिया में प्रकाशित कीजिये…
मैंने पूछा क्यों?
जवाब आया – एक तो बेचारे इस फौजी की खबर ऊपर तक जाना चाहिए… दूसरा आपकी वेबसाइट को बहुत हिट मिलेंगे… देखना ये वीडियो वायरल होने वाला है….
मैंने कोई जवाब नहीं दिया, ना ही इस वीडियो पर कोई खबर प्रकाशित की…
फिर खबर आई फौजी के खराब रिकॉर्ड की… फिर खबर आई बेचारे फौजी के जान के खतरे की… और अंत में वो फौजी चाहे कैसा भी हो… मोदी तुम्हारे राज में फौजी को दो वक़्त का खाना भी ढंग का नहीं मिलता….. ये खबर आग की तरह फ़ैल चुकी थी…
एक तो बेचारा भरी गर्मी, कड़ाके की ठंड और बर्फबारी में 24 घंटे खड़े रहकर तुम्हारी रक्षा करता है और तुम उसको दाल के नाम पर हल्दी का पानी पिलाते हो…. शर्म आना चाहिए मोदी तुमको….
फ़ैल गयी ये खबर? मिल गयी शान्ति? कॉलर पकड़ कर सीना तानकर फेसबुक स्टेटस डाल दिया कि सबसे पहले वीडियो पोस्ट करने वाला मैं था….
शर्म नहीं आई वीडियो शेयर करते हुए? शेयर करने से पहले एक बार भी विचार नहीं आया मोदीजी का? एक बार भी षडयंत्र की दुर्गन्ध नहीं आई नाक में?
अपनी नाक का इलाज करवाओ देशवासियों…. षडयंत्रों की दुर्गन्ध को पहचानों….
सच कहते हैं वो लोग, मोदीजी सियाचेन में फौजियों के साथ दिवाली पर सेल्फी खिंचवाने से कुछ नहीं होगा….
ये जो सोशल मीडिया पर राष्ट्रवादियों की फ़ौज खड़ी कर दी है ना इनको ट्रेनिंग की ज़रूरत है…
इनको सिखाओ कि बलात्कार मई 2014 के पहले भी होते थे… और ये फौजियों को दाल की जगह हल्दी का पानी मई 2014 के बाद से खिलाना शुरू नहीं हुआ है….
इतनी ही चिंता है तो जाओ देखकर आओ अपनी आँखों से क्या भोजन मिल रहा है उनको…. आँखें होती तो नज़र केवल दाल पर नहीं टिकी होती… वीडियो में दिखाए जा रहे भोजन में बड़े भगोने में तेल और मसाले में तर मटर पनीर की सब्ज़ी भी दिखी होती… और साथ में सुना भी होता जब पूछा गया था क्या बना है तो जवाब आता है “मटर पनीर”
और हाँ मेकिंग इंडिया नाम है आपकी इस वेबसाइट का… भारत के निर्माण में की जा रही खबरों को हम सर आँखों पर लेंगे…. बाकी हमारी टीम की नाक बहुत तीक्ष्ण है इसलिए षडयंत्रों की खबर दूर से सूंघ कर ही उससे दूरी बना लेती है… फिर चाहे उस खबर से कितना ही फायदा क्यों न होनेवाला हो…
पत्रकारिता हमको चाहे नहीं आती लेकिन हम भी मोदीजी की तरह राष्ट्रनीति पर चलते हुए काम करते हैं…
और हमारी टीम की नाक तीक्ष्ण ही नहीं लम्बी भी बहुत है… ये मेरे देश का मामला मेरे घर के मामले जैसा है… जैसे तंगी के दिनों में पतली दाल और सूखी रोटी खाकर भी पड़ोसी के आगे हाथ नहीं फैलाते वैसे ही देश की सेवा के लिए कभी केवल हल्दी का पानी भी पीकर सीमा पर खड़ा होना पड़ा तो मैं और मेरी पूरी टीम तैयार है…
– माँ जीवन शैफाली
बहुत ही जवाबदारी पूर्वक निडरता से किया हुआ संशोधन है आपका, मै नत मस्तक नमन करता हूं आपकी निडरता को, और धन्यवाद देता हूं कि देश के सामने ऐसे षड़यंत्र का पर्दाफाश करने आपने अपनी कलम उठाई, देश पे मंडरा रहे खतरों को आज के दौर के तथाकथित बन बैठे सेक्यूलरों के दिमाग में इतनी जल्दी ये बात समझ में नहीं आएगी और बहोत सारे साल गुजर जायेंगे, रोग का इलाज किया का सकता है पर मानसिक तौर के रोगी का इलाज बहुत कठिन होता है🙏🙏
आभार, आप सबका सहयोग ही मेरी ऊर्जा है
हिन्दू जनमानस में सामाजिक चेतना के प्रति फैली हुई अज्ञानता और भ्रम को दूर करने में आपका प्रयास प्रेरणास्पद है, हिन्दू समाज को स्वयं का और राष्ट्र का भावी विनाश नहीं दिख रहा है, हम बाकी सभी मुद्दों के प्रति जागरूक है, पर इसके प्रति आश्वस्त हैं, पर हमारी अकर्मण्यता के कारण भुगतना तो आने वाली पीढ़ी को होगा