यूं तो इंदौर में आप छोटी सी दुकान से लेकर बड़ी सी दुकान में से कहीं भी कचौड़ी खा लें आप तय नहीं कर पाएँगे कि कौन सी दुकान की कचौड़ी ज्यादा स्वादिष्ट है लेकिन एक दुकान की कचौड़ी इतनी प्रसिद्ध है कि गरमागरम बनकर आती है और ठंडी होने से पहले ही सारी बिक जाती हैं.
दुकान के बाहर लाल बाल्टी टंगी है, मतलब कचौड़ी उपलब्ध हैं, और नहीं टंगी मतलब आज आपकी किस्मत में कचौड़ी नहीं है.
जी हाँ हम बात कर रहे हैं इंदौर की प्रसिद्ध रानडे की लाल बाल्टी वाली आलू की कचौड़ी की. 50 साल पहले शुरू हुई इस दुकान के बाहर निशानी के तौर पर लाल रंग की बाल्टी लटकाई गई थी जिसे देखकर लोग रुक जाया करते थे.
इस दुकान की कचौड़ी का स्वाद कई प्रसिद्ध फिल्मी सितारे भी ले चुके हैं. 1 सितंबर 1965 महालक्ष्मी पर्व पर हुई थी. सुशीलाबाई रानडे ने घर पर ही इसकी शुरुआत की थी. समारोह में शामिल लोगों को वे कचौड़ी इतनी पसंद आई कि सुशीलाबाई ने इसकी दुकान ही लगा ली. तब से यह सिलसिला आज तक जारी है.
पहले इस गली में ज्यादा लोगों का आना-जाना नहीं था इसलिए पहचान के तौर पर दुकान के बाहर लाल रंग की बाल्टी में बल्ब लगाकर लटकाया गया. धीरे-धीरे वह इतनी प्रसिद्ध हो गई कि लोग पूरी गली को ही इस नाम से पहचानने लगे.
संचालिका अनुप्रिता रानडे के अनुसार कुछ समय सास-ससुर ने इसे चलाया फिर दिक्कत आने लगी तो परिवार के अन्य सदस्य भी जुड़ गए. फिर उन्होंने और उनके पति ने सरकारी नौकरी छोड़कर इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया.
आज उनकी तीसरी पीढ़ी है जो अब इस व्यवसाय में लगी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी, अभिनेता नाना पाटेकर और माधुरी दीक्षित भी यहां कचौड़ी का स्वाद ले चुके हैं.
तो आप भी कभी इंदौर जाएं तो ज़रूर खाएं रानाडे की लाल बाल्टी की आलू की कचौड़ी.