बेंगलुरु. नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के बीच नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड, एटीएम और पांइट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की ज़रूरत खत्म हो जाएगी.
प्रवासी भारतीय दिवस 2017 के एक सत्र के दौरान नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा, ‘भारत आज वित्तीय प्रौद्योगिकी और सामाजिक नवोन्मेष दोनों क्षेत्रों में भारी उठापटक के दौर से गुजर रहा है. इन क्षेत्रों में यहां काफी कुछ नई चीजें हो रहीं हैं और यही उठापटक भारत को काफी आगे ले जाएगी.’
कांत ने कहा, ‘मेरा मानना है कि अगले ढाई साल में भारत में सभी तरह के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, एटीएम मशीनें और पीओएस मशीनें पूरी तरह से बेकार हो जाएंगी.’
उन्होंने कहा, ‘भारत में ये सभी चीजें बेकार हो जाएंगी और देश ऐसा छलांग लगाएगा कि हर भारतीय यहां केवल अपना अंगूठा लगाकर 30 सेकेंड में लेनदेन करने लगेगा.’
युवा प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करते हुए कांत ने कहा, ‘हम इस समय देश में डिजिटल तरीकों से भुगतान को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं और इसमें कई नए तरीकों के सामने आने से काफी उठापटक चल रही है.’
उन्होंने कहा कि इस उठापटक के बीच भारत ने बायोमेट्रिक में काफी प्रगति की है, जिससे काफी सफलता मिलेगी. उन्होंने हाल में जारी ‘भीम’ ऐप और ‘आधार’ के जरिये होने वाली भुगतान प्रणाली का जिक्र किया.
कांत ने कहा कि भारत में व्यापक तौर पर नकदी से चलने वाली अर्थव्यवस्था रही है, लेकिन अब यहां एक अरब के करीब मोबाइल ग्राहक हैं और इतने ही बायोमेट्रिक भी हैं.
उन्होंने कहा कि भारत को अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत है. अब तक यहां केवल दो से ढाई प्रतिशत लोग ही टैक्स का भुगतान करते रहे हैं.
कांत यूथ प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान ‘स्टार्टअप्स ऐंड इनोवेशन्स विच हैव सोशल इंपैक्ट इन इंडिया’ विषय पर बोल रहे थे. यह आयोजन तीन दिन तक चलेगा.