नई दिल्ली. आयकर धोखाधड़ी मामले में फंसे केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाला कारोबारियों से संबंध है. आयकर विभाग ने इन संबंधों के सबूत मिलने का दावा किया है.
आयकर विभाग के इस दावे से न सिर्फ सत्येन्द्र जैन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं बल्कि पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद पाले बैठे केजरीवाल के सपनों को भी झटका लगा है.
आरोप है कि हवाला से भारी भरकम कालेधन को सफेद करने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और उनके परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियों ने बड़े स्तर पर दिल्ली में 200 बीघा से अधिक जमीन खरीदी.
खास बात यह है कि यह जमीन अवैध कालोनियों के पास खरीदी गयी ताकि जब दिल्ली सरकार इन कालोनियों को नियमित करे तो इस पर कई गुना मुनाफा कमाया जा सके.
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि, आयकर विभाग को पता चला है कि सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन के नियंत्रण वाली चार कंपनियों ने वित्त वर्ष 2010-11 से 2015-16 के दौरान 16.39 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग की.
इन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कोलकाता के हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से यह काम किया गया. आयकर विभाग सितंबर 2016 में जैन को इस मामले में नोटिस जारी कर चुका है.
सूत्रों के मुताबिक, सत्येंद्र जैन के करीबी कर्मचारी कोड वर्ड के साथ दिल्ली से हवाला माध्यम से कैश भेजते थे. इसके बाद कोलकाता के हवाला ऑपरेटर छद्म कंपनियों के नाम से जैन की कंपनी में शेयर खरीदने के बहाने चेक या आरटीजीएस के माध्यम से धनराशि ट्रांसफर करते थे.
आयकर विभाग द्वारा तैयार किए गए ताजा डोजियर में कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं और विभाग इस बाबत सत्येंद्र जैन से आगे पूछताछ कर सकता है.
आयकर विभाग के इन दस्तावेज़ों में हवाला कारोबारियों के सत्येंद्र जैन से सीधे संपर्क का दावा किया गया है. इसमें कहा गया है कि हवाला कारोबारी फोन पर सीधे जैन से बात करते थे और उनके बीच कोड वर्ड में कुछ सौदे भी हुए.
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग की जांच में जैन मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल पाए गए हैं. इस मामले की जांच अभी जारी है और विभाग इस बाबत उनसे तीन बार पूछताछ कर चुका है.
सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित जीवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल नाम के तीन हवाला कारोबारियों की 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ रुपये मिले.
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ एक मीडिया घराने के पास उपलब्ध दस्तावेजों से साफ है कि जिस दौरान इन कंपनियों को यह धनराशि हवाला ऑपरेटरों के जरिये प्राप्त हुई उस वक्त इन पर जैन या उनकी पत्नी का ही नियंत्रण था.
हालांकि जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते हैं. केजरीवाल सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई नाता नहीं और इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं, बल्कि गवाह के रूप में बुलाया गया था.