कोलकाता. रोज वैली चिटफंड मामले में लगातार सीबीआई के सामने पेश होने से बच रहे ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को मंगलवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर ही लिया.
[टीएमसी सांसद चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार, ममता ने कहा- नोटबंदी का विरोध करने की सज़ा]
इससे पहले बीती 30 दिसंबर को इसी मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के ही सांसद तापस पाल को गिरफ्तार किया था. तब इससे भड़की ममता बनर्जी ने इसे केंद्र सरकार की बदले की राजनीति बताते हुए कहा था कि हमारी पार्टी नोटबंदी का विरोध कर रही है, इसलिए हमारे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है.
मंगलवार को सुदीप बंदोपाध्याय तीसरी बार समन करने पर सीबीआई के सामने पेश हुए. हालांकि इस समन के उत्तर में बंदोपाध्याय ने एक बार फिर सीबीआई से मोहलत मांगी थी. अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि वह 18 जनवरी से पहले पूछताछ के लिए उपस्थित होने में असमर्थ हैं.
रोजवैली मामले में बंदोपाध्याय को तीन बार तलब किया जा चुका है. पहले दो नोटिस की अनदेखी के बाद तीसरी बार नोटिस भेजे जाने पर उन्होंने तीन जनवरी को हाजिर होने का भरोसा दिलाया था.
इसके बाद उन्होंने बीते शनिवार को सीबीआई कार्यालय में फोन कर 18 जनवरी तक हाजिर होने में असमर्थता व्यक्त की थी. इस पर सीबीआई ने कड़ा रवैया अपनाते हुए उनके अनुरोध को ठुकरा दिया.
केंद्रीय जांच एजेंसी के पहले के दो नोटिसों का तृणमूल सांसद ने कोई जवाब तक नहीं दिया था. इस मामले में सुदीप बंदोपाध्याय मंगलवार को जब सीबीआई के सामने पेश हुए तो पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.
सीबीआई करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले की यह जांच हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कर रही है, लेकिन ममता बनर्जी इसमें राजनीति देख रही हैं. टीएमसी ने सीबीआई की कार्रवाई में अचानक आई तेजी के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है और कहा कि ये बदले की कार्रवाई है.