नई दिल्ली. नोटबंदी के दौरान अपनी कार्यक्षमता के लिए प्रधानमंत्री, मीडिया और आम लोगों की सराहना पा चुके बैंक कर्मचारी अब सिर्फ अपनी वाह-वाही से संतुष्ट नहीं हैं बल्कि उन्हें इसके बदले ओवरटाइम चाहिए.
बैंक कर्मचारियों की एक यूनियन ने मांग की है कि नोटबंदी अभियान के 50 दिन के दौरान अतिरिक्त काम करने वाले बैंककर्मियों को ओवरटाइम दिया जाए.
यूनियन ने यह मांग ऐसे समय में की है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नोटबंदी के दौरान कड़ी मेहनत के लिए बैंक कर्मचारियों की सराहना की थी.
नोटबंदी के तहत सरकार ने 9 नवंबर से 1000 व 500 रपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया.
भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स एनओबीडब्ल्यू ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.
इस पत्र में कहा गया है कि बीते 50 दिन में बैंक कर्मचारियों ने 12 से 18 घंटे प्रतिदिन काम किया. केवल कुछ ही बैंक अतिरिक्त काम के लिए ओवरटाइम देते हैं.
पत्र में प्रबंधन को निर्देशित करने की मांग की गई है कि वे अतिरिक्त काम करने वाले बैंक कर्मचारियों को ओवरटाइम देने पर विचार करें.
इसके साथ ही संगठन ने बैंकों में कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए कहा है कि भर्तियां तेज की जानी चाहिए.
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने इस साल नवंबर में वेतनमान संशोधन में उचित वेतन वृद्धि पर भी जोर दिया है.
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के दौरान देश भर से बैंक कर्मियों के लिए सहानुभूति के स्वर उठे थे और सोशल मीडिया पर उनकी तुलना सीमा पर तैनात फौजियों तक से की गई थी.