लखनऊ. अखिलेश यादव के चुनावी रणनीतिकार प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग की कथित ईमेल उजागर होने के बाद आनन-फानन में महीनों से चल रहे समाजवादी पार्टी के रूठने-मनाने-धमकाने-पार्टी से निकालने के ड्रामे का पटाक्षेप कर दिया गया.
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महज़ एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी से छः साल के लिए निष्कासित किए गए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव का निष्कासन समाप्त कर दिया गया है.
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कहने को तो यह सुलह लालू प्रसाद यादव की समझाइश और पार्टी नेता आज़म खान की पहल पर हुई है पर आम धारणा यही है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर और अखिलेश के सलाहकार स्टीव जार्डिंग का कथित ईमेल लीक हो जाने की वजह से यादव परिवार ने अपनी रही-सही छवि बचाने यह कदम उठाया है.
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शुक्रवार को मुलायम द्वारा अखिलेश को पार्टी से बाहर किए जाने के कुछ ही देर बाद उजागर हुए इस कथित ई-मेल के मुताबिक, सपा का झगड़ा केवल अखिलेश यादव की इमेज को चमकाने के लिए है.
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माना जा रहा है कि सीएम अखिलेश यादव की ‘बगावत’ के पीछे जार्डिंग का ही दिमाग है. अखिलेश ने अगस्त में अपनी चुनावी कैंपेन में मदद देने के लिए उन्हें अमेरिका से बुलाया था.
इस ईमेल के उजागर होने के बाद इसके खंडन-मंडन का दौर चला और साथ ही सुलह की कोशिशें शुरू हो गई. इसकी परिणति सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के इस ऐलान के साथ हुई कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया है.
शनिवार सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान मुख्यमंत्री अखिलेश को लेकर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के पास पहुंचे. मुलायम ने इस बैठक में पूरे घटनाक्रम के सबसे अधिक ज़िम्मेदार माने जा रहे शिवपाल को भी बुला लिया. इस बीच राजद सुप्रीमो और मुलायम के समधी लालू प्रसाद यादव ने भी फोन पर पार्टी में एकता बनाए रखने की अपील की.
इस बैठक के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि अखिलेश और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया गया है. शिवपाल ने कहा कि नेताजी के आदेश से तत्काल प्रभाव से दोनों निष्कासन वापस हुआ है.
शिवपाल ने रटी-रटाई लाइन दोहराते हुए कहा कि अब सांप्रदायिक ताकतों से मिलकर लड़ेंगे और बहुमत लाएंगे. यूपी में फिर बहुमत की सरकार बनाएंगे. सभी लोग आपस में मिलकर बैठेंगे और उम्मीदवार तय करेंगे.
उन्होंने कहा, सभी सीटों पर सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय किए जाएंगे. उम्मीदवारों की लिस्ट पर सभी लोग एक बार फिर से चर्चा करेंगे और तय करेंगे. इस बैठक में सभी मसलों को हल कर लिया जाएगा.