ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश में दो दिन से चल रही राजनीतिक उठापटक का समापन पीपीए के 33 विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के साथ हो गया. इन विधायकों के आ जाने के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 44 हो गई है और अब उसकी सरकार बनना तय है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को राज्य में सत्तारूढ़ पीपीए ने पेमा खांडू को सीएम पद से हटाकर उनकी जगह तकाम पारियो को नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की थी. पार्टी ने गुरुवार देर रात खांडू के साथ पार्टी के 6 अन्य नेताओं को निलंबित कर दिया था.
पीपीए अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने इस कार्रवाई के लिए पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला दिया था. पीपीए नेतृत्व पेमा खांडू पर भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते प्रभाव से नाराज था और यही खांडू के निलंबन की वजह भी बनी.
सीएम पेमा खांडू और डिप्टी सीएम चोवना मेन के अलावा जिन विधायकों को सस्पेंड किया, उनमें जेम्बी टाशी (लुमला सीट), पासांग दोरजी सोना (मेचुका), चोव तेवा मेन (चोखाम), जिंगनू नामचोम (नामसाई) और कामलुंग मोसांग (मियाओ) शामिल थे. बेंगिया ने कहा कि पहली नजर में इन सबूतों से वह संतुष्ट हैं कि ये लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी ट्वीट कर कहा कि अरुणाचल में अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है. वहीं पेमा खांडू ने अपने निलंबन को पार्टी द्वारा किया गया धोखा बताया.
Arunachal has a BJP govt now. CM Pema Khandu, with 33 MLAs merges PPA in BJP. BJP govt has 45 BJP+2 ind MLAs support in a 60-member Assembly
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) December 31, 2016
खांडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा में शामिल होने की घोषणा करने के साथ कहा कि पीपीए द्वारा बिना कारण बताओ नोटिस दिए ही विधायकों का अस्थायी निलंबन कर दिया गया.
उन्होंने कहा, पीपीए ने जिस तरह विधायकों के साथ धोखा किया, उससे पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया है.
पेमा खांडू महीनों तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद इसी साल 16 जुलाई को मुख्यमंत्री बने थे. तब राज्य में कांग्रेस का शासन था.
उनके पहले मुख्यमंत्री नाबाम तुकी की कांग्रेस सरकार इसी साल जनवरी में गिर गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.
इसके बाद में 19 फरवरी को कालिखो पुल ने भाजपा की मदद से थोड़े वक्त के लिए सरकार बनाई थी. इसके बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के हक में फैसला दिया और विधायकों ने नाबाम तुकी की जगह पेमा खांडू को नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुन लिया.
इसके बाद सितंबर में यह कांग्रेस सरकार तब गिर गई जब मुख्यमंत्री पेमा खांडू और स्पीकर तेनजिंग समेत 41 विधायक पीपीए में शामिल हो गए.