चेन्नई. चेन्नई में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मंगलवार को हुई वार्षिक आम बैठक में सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को संघ का आजीवन अध्यक्ष नामित किया गया है. जबकि केंद्रीय खेल मंत्री के मुताबिक़ इन दोनों पर लगे भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों के चलते ये नियुक्तियां मंज़ूर नहीं की जा सकतीं.
आईओए की वेबसाइट के मुताबिक, कलमाड़ी और चौटाला से पहले सिर्फ विजय कुमार मल्होत्रा जिन्होंने 2011 और 2012 के बीच आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष रूप में कार्य किया को आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था.
1996 से 2011 तक आईओए के अध्यक्ष रहे कलमाड़ी को 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में 10 महीने की जेल भी हुई थी, लेकिन बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए.
चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे. उस समय अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चुनावों में आईओए को निलंबित कर रखा था क्योंकि उसने चुनावों में ऐसे उम्मीद्वार उतारे थे जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे.
आईओए अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को आईओसी ने रद्द कर दिया था. आईओए संविधान में संशोधन करने के बाद ही आईओसी ने फरवरी 2014 में निलंबन हटाया था.
केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि ये निुयक्तियां मंजूर नहीं हो सकती है, क्योंकि वे दोनों भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.
खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा, ‘आईओए ने सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव से हम हैरान हैं. यह हमें पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि वे दोनों आपराधिक और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं.’
गोयल ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि जब चौटाला और ललित भनोट आईओए के पदाधिकारी चुने गये थे तब आईओसी ने उन्हें निलंबित कर दिया था और इन दोनों को हटाने के बाद ही निलंबन हटाया गया.’
गोयल ने कहा कि मंत्रालय ने आईओए से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और इसके बाद ही इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा.
उन्होंने कहा, ‘हमने आईओए से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और इसके बाद हम स्थिति की समीक्षा करेंगे और फिर उचित कार्रवाई करेंगे. हमारी सरकार खेलों में सुशासन और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्ध है.’