मूर्ख बैशाख नंदनों, तुम्हारे आत्मघात पर इतिहास भी थूकेगा

मैं, सपरिवार, बन्धु-बांधव समेत पूरा एक शो बुक करवाकर दंगल देखूंगा यदि कोई प्रमाण दे दे कि आमिर खान ज़कात नहीं देता है!!

अब तक के जीवन काल में एक से बढ़कर एक white collar profession वाले शांति दूत देखे हैं… पर ऐसा कोई न मिला जो ज़कात ना करता हो.

जो लड़कपन में नहीं भी करते हैं उनके माता-पिता उनकी तरफ से बड़ी ईमानदारी के साथ कर आते हैं.

मेरा मोटा-मोटा आकलन है कि दंगल की कमाई का लगभग 20-25% आमिर खान के हिस्से में जाएगा और उसका दस प्रतिशत शर्तिया ज़कात होगा. मतलब कुल कमाई का 2-3% पक्का ज़कात के खाते में जमा होना है.

इसको ऐसे समझ लीजिए कि जब आप 350 रूपये का टिकट खरीदेंगे… उसी समय 10-11 रूपये ज़कात खाते में जमा करवा चुके होंगे.

उस पैसे से मोटर साइकिल खरीदी जाएगी, जिस पर सवार होकर कोई शांतिदूत, किसी हिन्दू बालिका पर डोरे डालने निकलेगा…

गिफ्ट आएंगे… डिनर का बिल चुकाया जाएगा और यदि लड़का सफल हुआ (जो आप लोगों की कृपा से होना ही है) तो उसको पारितोषिक मिलेगा.

वह बालिका आप की कोई परिचित… सगी सम्बन्धी… रिश्तेदार या मित्र भी हो सकती है…

सफल लव-जिहादी लड़के को मिलने वाले पारितोषिक की रकम 7.5 लाख से 2.5 लाख होती है, कन्या के वंश-गोत्र आदि के हिसाब से.

मै यहाँ जाति के हिसाब से रेट चार्ट नहीं लगा रहा हूँ… कर्नाटक पुलिस और एसटीएफ ने सब खुलासा कर रखा है.

दंगल की 100 करोड़ कमाई पर खुश होने वालों… असलियत यह है कि तुमने लव-जिहाद के लिए मोटा-मोटा 3 करोड़ का दान दे दिया है.

एक हिन्दू बालिका का लव-जिहाद करने में यदि अधिकतम 10 लाख का खर्च भी मान लिया जाय तो तुमने अपने हाथों से अब तक एक सप्ताह के भीतर 300 कन्याओं की जिन्दगी बर्बाद करने का ठेका दे दिया है.

जियो भ्रम के मारों… मूर्ख बैशाख नंदनों… तुम्हारे आत्मघात पर इतिहास भी थूकेगा.

अगर थोड़ी सी भी शर्म और गैरत बाकी हो, तो कहीं किसी बंद कमरे में मुँह में कालिख लगा कर शर्मिंदा हो लो, वरना तुम्हारी कब्र खोदने के लिए किसी गोरी, गजनी, नादिरशाह या तैमूर के आने की जरुरत नहीं है… तुम यह काम स्वतः अति उद्दात भाव से कर रहे हो…

ईश्वर तुम्हें सद्बुद्धि प्रदान करें!!

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