सहजन… क्या आपको पता है इसका नाम सहजन कैसे पड़ा? यह एक ऐसा वृक्ष है जो बहुत सहजता से उग जाता है… इसके तने को आप किसी भी मिट्टी वाली भूमि पर पटक दीजिये. ये बहुत सरलता और सहजता से पनप जाता है. इसके फूल, पत्तियां, फल सब उपयोगी और औषधीय गुण लिए होते हैं.
ये जितना सहज होता है, उतना ही कोमल और गुणवान इसलिए इसे जादुई माना जाता है…. सच भी तो है वास्तव में जादू तो वहीँ घटित होता है जहां सहजता, सरलता और कोमलता का मिलन हो…
सहजन से पथरी में लाभ होता है, बच्चों के पेट के कीड़े, बड़ों के उच्च रक्तचाप में लाभ होता है. सहजन की पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा कम होता है. इसके और भी अन्य लाभ है लेकिन आज हम बता रहे हैं कि इसे कितनी तरह से पकाकर खाया जा सकता है-
सबसे सरल विधि तो यह है कि सहजन के ताज़े खिले फूल को धोकर, उबालकर कपड़े या कागज़ पर रख दें ताकि पानी सूख जाए.
फिर सिर्फ हरी मिर्च और जीरे का तड़का लगाकर सब्ज़ी बनाई जाए.
लेकिन जो लोग इसे मसाले दार बनाना चाहते हैं वे इसके उबले फूलों को प्याज़ लहसुन का मसाला बनाकर उसमें इन फूलों को डालकर बना सकते हैं.
मटर के मौसम में साथ में आप मटर भी डाल सकते हैं.
इसके अलावा आप बेसन के पकौड़े बनाने के लिए बनाए घोल में भी इसे मिलाकर कुरकुरे पकौड़े खा सकते हैं.
बस ध्यान रखें कि सब्ज़ी केवल ताज़े फूलों से ही बनाएं. तो देर किस बात की मौसम भी है सहजन का.. जिसे आप मुनगा या ड्रम स्टिक भी कहते हैं… तो बनाइये और स्वाद और सेहत दोनों पाइए.
– माँ की रसोई से