इंसान के अनुभव किस समय उसको काम आते हैं कोई नहीं बता सकता… उन अनुभवों से गुज़रते हुए कभी आपको ख़ुशी मिली होगी, कभी दुःख, तो कभी बहुत चिढ़ भी हुई होगी….
ऐसा ही अनुभव अपने कॉलेज टाइम का याद है मुझे…
एक सहेली के विवाह में शरीक होने दो दिन पहले ही पहुँच गयी थी… तो उसके साज श्रृंगार, सामान की पैकिंग से लेकर सुहागरात के लिए कपड़ों की व्यवस्था तक मुझे देखना थी…
शादी के बाद सुहागरात के लिए होटल बुक किया गया था… सुबह स्नान वगैरह वहीँ होना था तो सहेली को एक जोड़ी नए अंत:वस्त्र अलग से एक पॉलिथीन में दे दिए थे… अब वो शुरू से बहुत लापरवाह रही है… तो जिस कार में बैठकर उन्हें होटल जाना था उसी कार में वो पॉलिथीन भूल गयी…
अब वो कार सुबह किसी और को छोड़ने एयरपोर्ट चली गयी थी… और इधर सुबह सुबह उसका फोन मेरे पास आता है… डरी सहमी हुई… अब मैं क्या करूं … मैं तो उसे कार में ही भूल गयी… अब मैं कैसे बताऊँ इनको … अब मैं क्या करूं..
मैंने कहा – रुक मैं आ रही हूँ… वहीँ…
अरे मैं इनको क्या बताऊंगी तुम क्यों आई हो…
कैसी लड़की हो… जिस आदमी के साथ पूरी रात बिताई उसको ये बताने में शर्म आ रही है कि अंडर गारमेंट्स खो गए हैं… चलो उनको पता नहीं चलेगा… मैं करती हूँ कुछ…
ठीक है लेकिन जल्दी आना …ये अभी सो रहे हैं…
अब सुबह छः बजे का टाइम… दुल्हन का सारा सामान पैक होकर ससुराल पहुँच गया है …. अब क्या किया जाए… तो मैं उस हॉल में गयी जहां शादी में शरीक होने आये सभी लोगों के साथ लड़की का भाई भी सो रहा था…
मैंने उनको हिलाकर उठाया… भैया उठो… तुम किसी अंडर गारमेंट्स की दुकान वाले से परिचित हो?
हें मतलब? वो नींद से हडबडाते हुए उठ बैठा….
मुझे लगा उसको अंडर गारमेंट्स समझ नहीं आया तो मैंने कहा- अरे जहां चड्डी बनियान ब्रा वगैरह मिलते हैं…
अब मेरा चड्डी बनियान ब्रा बोलना हुआ… आसपास जितने भी लड़के सोये थे सबकी आँखें एक साथ खुल गयी….
आस पास चाची बुआ फूफी टाइप की औरतें भी लेटे लेटे खुसुर फुसुर करने लगी… हे भगवान् कैसी लड़की है इतने खुले आम अंत:वस्त्रों की बात कर रही है…
भैया एकदम सकते में… शै…. फा…. ली… क्या… बोल रही हो??
हे भगवान् कैसे लोग हैं? मैं उसे हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए कोने में ले गयी… अबे मुझे नहीं तुम्हारी बहन को चाहिए है??? उसको पूरा किस्सा सुनाया… बड़ी मुश्किल से वो माना साथ ले जाने को… अपने एक दोस्त की दुकान पर ले गया… जिसको उसने पहले से ही फोन कर दिया था तो वो हमारे पहुँचने पर दुकान खोले इंतज़ार कर रहा था…
भैया ने मुझे चार दुकान पहले ही सड़क पर उतार दिया… जाओ ले आओ…
तो इतनी दूर क्यों उतार रहे हो… दुकान तक तो ले चलो..
तुमको शर्म नहीं आएगी… मेरे सामने ये सब खरीदते हुए…
क्या सब खरीदते हुए?
वही जो तुम खरीदने आई हो?
तो? तुम नहीं पहनते क्या?
अरे मेरी माँ… जाती क्यों नहीं… ले आ…
हाँ हाँ ठीक है जा रही हूँ… अजीब लोग हैं???
तो मुझे वो अजीब लग रहे थे…. उनको मैं…
खैर जैसे तैसे खरीद कर भैया के साथ ही होटल के रूम तक पहुँची… उसे नीचे खड़ा किया और मैंने ऊपर रूम का दरवाज़ा खटखटाया……
नए नए जिज्जाजी ने कमरा खोला… सहेली पीछे से मुंह पर ऊंगली रखकर चुप रहने का इशारा कर रही थी…
जिजाजी आश्चर्य से – अरे साली साहिबा आप सुबह सुबह?
मैंने जियाजी से कहा- जिज्जाजी मेरी दादी कहती थी यदि सुहागरात के बाद सुबह सुबह दूल्हा दुल्हन का चेहरा उनके स्नान करने से पहले देख लो तो उसकी शादी जल्दी हो जाती है..
जिज्जाजी ज़रा रोमांटिक होते हुए बोले… और मैंने सुना है यदि साली साहिबा सुबह सुबह दर्शन दे दें तो आधी घरवाली….
मैंने जीजाजी को लगभग अन्दर धकेलते हुए कहा…. जीजाजी यहाँ आपकी दाल नहीं गलने वाली… ये साली ज़रा काली ज़ुबान की है… वो भी कुछ ऐसा ही ऊंचा नीचा बोल गयी तो सच भी हो जाएगा…
सहेली ने हाथ खींचते हुए मुझे अपने पास बिठा लिया क्या तुम लोग पहले ही दिन शुरू हो गए…
हाँ तो अपने पतिदेव को समझाओ ना…
ऐसा है साली साहिबा आप काली ज़ुबान वाली हैं तो हम भी पतले कान वाले हैं… अब ज़रा वो अंडर गारमेंट्स का पैकेट छुपा रही हो वो अपनी सहेली को थमा दो… वो जब सुबह सुबह फोन पर आपसे खुसुर फुसुर कर रही थी तभी हमने सुन लिया था…
अब सहेली का मुंह तो शर्म से लाल हुआ जा रहा था और मैं और जीजाजी पेट पकड़ पकड़ कर हंस रहे थे….
ये जो इतनी लम्बी चटाई बिछाकर कहानी सुनाई वो इस जीजा साली के संवाद से मनोरंजन करने के लिए सुनाई? नहीं जी… अब क्या है कि नोटबंदी की परेशानियां तो लगभग बंद हो गयी है… 50 दिन का वादा मोदीजी पूरा करने की कगार पर है…. अब उसको असफल कैसे बताया जाए तो विरोधी cashless india के विरोध में हद दर्जे की हल्की टिप्पणियाँ करने से बाज नहीं आ रहे.
अब हमारी मीसा भारती… वही अपने चारा घोटाले के सज़ायाफ्ता और फिलहाल ज़मानत पर रिहा लालू यादव की बेटी…. का tweet पढ़िए… कहती हैं–
Why should a young adult be forced to disclose that she bought lingerie or shoes or he bought liquor or tobacco? https://t.co/jr84SlUgwI
— Dr. Misa Bharti (@MisaBharti) December 25, 2016
– किसी बालिग को इस बात के लिए क्यों मजबूर किया जाए कि वह बताए अंत:वस्त्र खरीदा है या जूते, या उसने शराब खरीदी है या तंबाकू.
मीसा ने एक खबर को री-ट्वीट भी किया है. इसमें सवाल उठाया गया है कि मॉनिटरी ट्रांजेक्शन डिजिटल हो जाएंगे तो प्राइवेसी पर इसका क्या असर पड़ेगा. इसी खबर में पूछा गया है कि एक शादीशुदा जोड़ा यह क्यों बताए कि वह हनीमून मनाने कहां जा रहा है और इसके लिए क्या खरीदारी की है? क्या उसे अपनी मर्जी से खरीददारी करने का कोई अधिकार नहीं है. इस तरह निजी सूचनाएं क्यों दी जाएं. मीसा ने सूचना के अधिकार के तहत नोटबंदी के बारे में जवाब देने से प्रधानमंत्री कार्यालय के इंकार पर भी तंज कसा है. मीसा ने संकेतों में लिखा है कि भगवान से सवाल नहीं पूछते, सिर्फ धन्यवाद देते हैं.
भगवान से सवाल नहीं पूछते, सिर्फ़ धन्यवाद देते हैं और गुणगान करते हैं। https://t.co/zh5j1Sq7wE
— Dr. Misa Bharti (@MisaBharti) December 25, 2016
बस अब 4 दिन और! 31 दिसम्बर से तुग़लकी फ़रमान के बादल छँट जाएँगे! Limit, बंदिश, सीमा जैसे शब्द हट जाएँगे! सब कुछ सामान्य! आखिर PM का वादा है! https://t.co/RDnvL1stol
— Dr. Misa Bharti (@MisaBharti) December 27, 2016
अब बताइये… क्या किया जाए इनका… क्या ये वही चाची, फूफी और बुआ टाइप के कमेन्ट नहीं है…. कि कोई लड़की अंत:वस्त्र खरीदे या शराब तम्बाकू ये भी कोई खुले आम करने की बात है?
मेरा तो बस इतना कहना है चारा घोटाला जब हुआ था तब तो किसी को कुछ नहीं बताया गया होगा ना… फिर भी आपके पूज्य पिताजी को सज़ा तो हो ही गयी ना?
तो ऐसा है भैया किसी को बताओ या न बताओ हमारे जिज्जाजियों के कान बहुत पतले हैं और नरेन्दर ताऊ के हाथ बहुत लम्बे….
बाकी एक बात बिलकुल सही कही… भगवान से सवाल नहीं करते ज़्यादा… वो कहते हैं ना हो सकता है आप छोटी छोटी इच्छाओं को पूरा ना करने के लिए भगवान को कोस रहे हो और भगवान ने आपके लिए इससे बड़ी योजना बना कर रखी हो…
मोदीजी योजनाएं बनाने में जितने माहिर है उसका पालन करवाने में उससे भी ज़्यादा….
– माँ जीवन शैफाली
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