यार एक भोत भेँकर कनफ़्यूजन हो गया है, नी मतलब गोरमिंट जो भी कर री है वो ठीक है पर ये ” केसलेस ” का सामान्य आदमी के जन-जीवन पे भोत घेरा असर पड़ेगा,
फॉर एकजामफल अब आप शादी – ब्याव ही देख लो, नी मतलब बड़े – बड़े खर्चे तो निमट जायेंगे पर बाकि रस्मो का क्या होयेगा जैसे
कानपूर वाली बुवाजी के पैर पड़ने के बाद वो पेले तो चस्मा लगाएगी फिर बटवे में से मोबाइल निकाल के अपने पोते ( बड़े वाले लड़के का छोटा वाला लड़का, बड़ा लड़का तो आवारा है उसपे बुवा जी का भरोसा नी है ) को दूल्हे के नंबर पे पेटीएम से ११ रुपयेजेब भेजने को बोलेगी
ढोलक वाला आ के ढोलक बजा रिया है, छोरे – छारी होन नाच रिये है और उत्ते में अजमेर वाले जियाजी ( सफारी सूट पेन के ) आगे आते है और छोरे – छारी होन पे से क्रेडिट कार्ड घुमाएंगे और ढोलक वाले का हेल्पर जो की मसीन ले के हाबली – गाबली हो रिया होयेगा उसके पास जा के क्रेडिट कार्ड ऊँचा उठाएंगे फिर वो उचक के उसको स्वाइप करने की कोसिस करेगा फिर जियाजी उसको १० – १० रुपये ४ बार स्वाइप करने को बोलेंगे
रिसेप्सन चल्लिया है, इस्टेज पे चढ़ते बराबर एक छोटा काउंटर लगा है, आप वहां पे क्रेडिट / डेबिट कार्ड या पेटीएम से भुगतान करके रसीद बनवाले फिर आगे बढे और दूल्हा या दुल्हन ( आप जिसकी तरफ से भी गए हो ) उसके हाथ में रसीद पकड़ा के बधाई / आशीर्वाद दे, अगर आप घर से ही ऑनलाइन भुगतान करके उसका प्रिंटआउट ले के गए है या लिफाफे में चेक डाल के ले गए है तो काउटंर पे उसकी इंट्री करवा ले, अब आप दूसरी तरफ से इस्टेज से उतर के सम्मानपूर्वक खाने के इस्टाल की तरफ बढे
बरात फुल जोश में एकदम धीमी गती से अग्गे खसक री है, छोरा, छारी, बच्चे, बूढ़े, जवान सब लोग ” मेरे देश की धरती सोना उगले ” पे ड्यान्स कल्ले है, आगे एक चोराया है जहा पे ट्रेफिक जाम करने का बढ़िया मौका है इसलिए जियाजी ( वोइच अजमेर वाले ) और खरगोन वाले फूफाजी के सबसे छोटे वाले दामाद भीड़ को चीरते हुवे अंदर घुसते है, एक बार चारो तरफ का माहौल चेक करते हुवे बेंड वाले को आवश्यक निर्देश दे के नागिन डांस करने लगते है, जियाजी ने जेब से रुमाल ( जिसके कोने पे एम्ब्रायडरी से KK ( कमलेस कुमार का शॉट फॉर्म ) मंडा हुवा है ) निकाल के उसकी बीन बना ली है और दामाद मुह में क्रेडिट कार्ड को नोट की तरे फसा के नागिन बन के डांस कर रिये है
दूल्हा इसलिए परेसान है की साले – सालियों ने उसके जूते छुपा दिए है, साले – सालियाँ इस लिए परेसान है की उनको कार्ड स्वाइप करने का मसीन नी मिल रिया है और दूल्हा के रिया है की उसने पेटीएम डाउनलोड नी किया है और करेगा भी नी
पंडित शादी की दक्षिणा के ऊपर २ % और मांग रिये है क्योंकि उनको कार्ड की मसीन के चार्जेस देने पड़ते है
दूल्हे के गले में कड़क नोटों के हार की जगो ऑनलाइन पेमेंट या चेक को धागे में डाल के लॉकेट जैसा पिनाया है
अपने रस्मो – रिवाज पे भेँकर घेरा संकट आ गया है पेलवान
दूसरी समस्याए अगले पन्ने पे देखेंगे भिया
– अभय बर्वे ( दोस्त की शादी में बगैर ” केस ” के बरफ की जुगाड़ में बीजी )
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