लखनऊ. भारतीय टीम 15 बरस बाद जूनियर विश्व कप हॉकी फाइनल में रविवार को बेल्जियम को हराकर दूसरी बार खिताब अपने नाम किया.
इसके पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारतीय टीम ने अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर एकमात्र जूनियर विश्व कप जीता था.
लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने बेल्जियम को 2-1 से शिकस्त देकर खिताब पर कब्जा किया.
दोनों ही टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला. लेकिन आखिरी में बाजी भारतीय टीम ने जीता.
फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने शुरुआत से ही जोरदार हमले किए और दो पेनल्टी कॉर्नर भी मिले. लेकिन इसका फायदा भारतीय टीम नहीं उठा सकी.
भारत की तरफ से पहला गोल गुरजंट सिंह ने और दूसरा गोल सिमरनजीत सिंह ने किया. पहले हाफ में भारत की 2-0 से बढ़त बरकरार रही.
दूसरे हाफ में भी आक्रामक हाकी का सिलसिला जारी रहा और 47वें मिनट में भारत को तीसरा पेनल्टी कार्नर मिला हालाकि कप्तान हरजीत गेंद को रोक नहीं सके.
भारत ने एक और आसान मौका गंवाया जब गुरजंट विरोधी गोल के भीतर अकेले गेंद लेकर घुसे थे लेकिन गोल पर निशाना नहीं लगा सका.
अगले मिनट के भीतर भारत को दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन बेल्जियम के गोलकीपर लोइक वान डोरेन ने दोनों शाट बचा लिये.
आखिरी मिनट में बेल्जियम को मिले पेनल्टी कार्नर को फेब्रिस ने गोल में बदला लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में जर्मनी ने ऑस्ट्रेलिया को 3-0 से हराया.
भारत तीसरी बार जूनियर विश्व कप के फाइनल में पहुंचा था. इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारतीय टीम ने अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर एकमात्र जूनियर विश्व कप जीता था.
वहीं 1997 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था. भारत 11 साल पहले रोटरडम में कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था.