नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड डील घोटाले के मुद्दे को उठाकर कांग्रेस पर पलटवार किया है. पार्टी के प्रथम परिवार पर उंगली उठती देख कांग्रेस ने सदन में हुल्लड़बाज़ी शुरू कर दी जिसके बाद दोनों सदनों को शुक्रवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
उल्लेखनीय है कि एक निजी टीवी चैनल ने अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की डायरी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में देश के एक ताकतवर राजनीतिक परिवार को 1.6 करोड़ यूरो यानी करीब 113 करोड़ रुपये की घूस दिए जाने का खुलासा किया था.
इसी मामले को लोकसभा में उठाते हुए केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला. अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चर्चा करने से भाग रही है.
अनंत कुमार की ओर से इस मुद्दे को उठाते ही कांग्रेस के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया. इस मुद्दे पर हंगामे के बीच लोकसभा शुक्रवार तक के लिए स्थगित हो गई, वहीं राज्यसभा को भी पहले दोपहर दो बजे तक और फिर शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में पिछले दिनों सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. यह डील यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी.
पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा कि इस मामले में सोनिया गांधी की कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने कहा कि इस पूरी डील में एयर फोर्स की भूमिका सबसे प्रमुख थी.
एंटनी ने इस मामले में सोनिया गांधी का नाम घसीटे जाने पर कहा कि उसे फर्जी आरोप लगाने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
टीवी चैनल की रिपोर्ट में मिशेल की डायरी के हवाले से कहा गया है कि अगस्ता वेस्टलैंड डील कराने के लिए बिचौलियों के पास 5 करोड़ 20 लाख यूरो का बजट था.
दस्तावेजों के मुताबिक उसने वायुसेना के 4 अधिकारियों के 60 लाख यूरो, रक्षा मंत्रालय के 4 अधिकारियों को 75 लाख यूरो दिए थे.
इसके अलावा राजनीतिक नेताओं को भी घूस दी गई थी. बिचौलिये की डायरी से साफ है कि उसने कंपनी को डील कराने का भरोसा दिया था.
इस चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़ घूस पाने वाले नेताओं में भारत के सबसे रसूखदार सियासी परिवारों में से एक परिवार शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक़ इस परिवार को अगस्ता वेस्टलैंड डील को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 1.6 करोड़ यूरो (115 करोड़ रुपये) की घूस दी गई थी.
चैनल के मुताबिक़ ये खुलासा इस सौदे के प्रमुख बिचौलिए और ब्रिटिश शस्त्र विक्रेता क्रिश्चियन मिशेल के सीक्रेट नोट्स से हुआ है.
चैनल ने मिशेल के कुछ नोट्स के हवाले से कहा है कि अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमैकेनिका ने 5.2 करोड़ यूरो (373 करोड़ रुपये) का बजट भारत में डील को अंजाम देने के लिए घूस के लिए रखा हुआ था. ये घूस भारत में उन लोगों को दी जानी थी जिनके पास डील से जुड़े फैसले लेने की ताकत थी.
चैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नोट्स की 15 मार्च 2008 की एक एंट्री में मिशेल ने भारत के शीर्ष नेताओ का नाम लिया था जो सरकारी पदों के अलावा सरकार से बाहर भी थे.
चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़ एक चिट्ठी में पढ़ा जा सकता है- ‘वीआईपी के पीछे ड्राईविंग फोर्स श्रीमती गांधी हैं, वो अब आगे से Mi-8 में उड़ान नहीं भरेंगी.’
चैनल के अनुसार इस चिट्ठी में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के प्रमुख सलाहकारों में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिह और अहमद पटेल का उल्लेख किया था.
मिशेल ने अलग से एक परिवार के लिए 1.5 से 1.6 करोड़ यूरो का प्रावधान करने के लिए कहा था. साथ ही ‘AP’ के लिए 30 लाख यूरो अलग से रखने की बात कही थी.
मिशेल ने डायरियों में जिस ‘AP’ का उल्लेख किया है वो अहमद पटेल के बारे में है या नहीं, ये अस्पष्ट है. मिशेल ने ये साफ नहीं किया था कि परिवार कौन है और ‘AP’ कौन है.