आयुर्वेदिक दोहे : आज के wifi युग के हाई फाई युवा भी जानते हैं इनका महत्व

ayurvedic dohe

घरेलू नुस्खों की एक बड़ी ख़ास बात है कि साहब हमारी वो परदादी, नानी जिन्हें शायद बायोलॉजी का B भी ना पता रहा हो मगर वे देशी उपचार के विषय में इतना ज्ञान रखा करती हैं कि चाहें तो अमेरिका में जा कर “Home remedies for common diseases” या “किचन मेडिकेशन” जैसे किसी विषय पर लम्बे लेक्चर दे सकती हैं..!

मैं सौभाग्य से एक पौराणिक परिवार में पैदा हुआ हूँ तो छुटपन से देखता आया हूँ कि दादा जी और दादी जी से गाँव भर के लोग कुछ ना कुछ उपाय पूछने आते थे.

लोग पत्रा दिखाने, मुहूर्त पूछने, खोयी बछिया देखने के साथ साथ रोग बाधा में भी पंडितों की सलाह लेना नहीं चुकते थे.

दादी का वो कहना ‘दांत पिरा रहा है अम्मा तो लौंग के तेल में रुई का फोहा डुबो के धर ल्यो, सब ठीक हो जायेगा’… ‘सर्दी बढ़ गयी है क्या बेटा तो लहसुन तवे पे भूंज के खा लो’…. ‘अरे,बारिश में दूध का पथ्य होता है, जाओ बहू जा कर शंकर जी को चढ़ा आओ’…

ऐसे ही ना जाने कितने नुस्ख़े बचपन में ही रट गये थे.. और कितने ही दोहे चौपाई दादा जी आज भी कहा करते हैं जिसमे खान-पान से सम्बन्धित जानकारी होती है.

लोग समझते हैं कि आज के wifi युग के हाई फाई युवा भला क्या इन सब दकियानूसी बातों पे भरोसा करेंगे, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं… छोटे नगरों से ले कर महानगरों का मेरा अनुभव यही रहा है कि लड़कियां हल्दी-बेसन-मलाई के उबटन की वैल्यू जानती हैं… रूखे बालों के लिए कच्चे अंडे का इस्तेमाल हर हॉस्टल कॉलेज में होता है.. और अब ब्लैक ग्रीन लेमन टी के साथ शहद नीबू के फायदे हर युवा को पता है..!

कहने का आशय यह है कि भले आज की यंग फ्री वीमेन अपनी परदादी की तरह घूँघट डाले घर तक रहने की परिपाटी तोड़ दे, मगर वे उनके समय के नुस्ख़े ज़रूर आने वाली जनरेशन तक पहुंचाएगी..!!!

आईये देखते हैं कुछ “आयुर्वेदिक दोहे”

१. दही मथे माखन मिले, केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..

२. बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..

३. अजवाइन को पीसिये, गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..

४. अजवाइन को पीस लें, नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..

५. अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..

६. ठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..

७. अदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..

८. रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका, टी.बी भी हो दूर..

९. गाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..

१०. शहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..

११. चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..

१२. लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह..

१३. प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..

१४. सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय,
दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..

१५. सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..

१६. तुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..

१७. थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग.

१८. अजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..

१९. ऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि..

२०. दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ,
दालचीनी का पाउडर, लें पानी के साथ……

२१. मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनी मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल..

२२. कंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..

२३. बीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..

२४. बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..

२५. नीबू बेसन जल शहद, मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..

२६.. मधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय.

२७.. पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..

२८. ठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम,
नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..

२९. कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..

३०. अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम,
कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..

३१. छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग,
जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग..।

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