नागालैंड में प्रसिद्ध हार्नबिल फेस्टिवल अभी चल रहा है. राजधानी कोहिमा से करीब 12 -15 किमी दूर किसामा गाँव में मनाया जाने वाला ये त्योहार नागा संस्कृति के उत्थान और संरक्षण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
इसमें नृत्य, क्राफ्ट के साथ धनुर्विद्या और रेसलिंग जैसी कई प्रतियोगिताओं के आयोजन किये जाते हैं जिसमे यहाँ की कई योद्धा जनजातियाँ भाग लेती हैं.
हार्नबिल एक पक्षी होता है जो अपनी सजगता के लिए जाना जाता है. नागा जनजातियों में इस पक्षी का जिक्र उनके संगीत, परंपराओं नृत्य में बिलकुल उसी तरह महत्व रखता हैं जैसे असमिया लोंगो की संस्कृति में ब्रह्मपुत्र और नॉर्थइंडियन्स के लिए गंगा.
सामान्यतः यह त्यौहार दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाता है. आधिकारिक रूप से एक हफ्ते तक चलने वाला ये त्यौहार समाप्त होते होते लगभग दस दिन तक चल जाता है.
हेंडीक्राफ्ट, हैंडलूम से बने उत्पादों के अलावा इस त्यौहार में देखने लायक फेमस प्रतियोगिता है – चिली ईटिंग और पोर्क ईटिंग. दोनों कांटेस्ट में जबरदस्त भीड़ होती हैं.
जो मित्र कोहिमा या उसके आसपास हैं जरूर जाएं…. जो आना चाहते हैं उनके लिए दीमापुर नजदीकी एयरपोर्ट है. और गुवाहाटी से बस भी मिलती है. ट्रैन की यात्रा उतनी सहज नही है. टिकट ऑनलाइन भी ले सकते हैं. अभी पांच दिन और बाकी है.
– गीताली सैकिया