आइये अब ज़रा उस धन को समझा जाए जो mauritius या singapore रूट से भारत आता है. वह भी काले धन के रूप में आता है.
कुछ देशों में Double Tax Avoidance Treaty काम करती है. इसके अनुसार यदि आप अमेरिका से पैसा कमा कर कनाडा ले जाना चाहते है तो आपको अमेरिका या कनाडा में जहां पर अधिकतम टैक्स या कर है वह देना होता ना कि दोनों स्थानों पर.
उदाहरण के लिए मान लीजिये कि अमेरिका में टैक्स की दर 25 % है और कनाडा में 30% है (यह आंकड़े टैक्स के सिर्फ समझाने के लिए हैं, वास्तविक आंकड़े अलग हैं ) तो जो व्यक्ति एक लाख रुपये कमाता है उसे 25000 तो अमेरिका की सरकार को देना पड़ता है और जब वह पैसा कनाडा जाता है तो कनाडा की सरकार उस 75000 पर 30% कर न लगा कर मात्र 5% ही लगाएगा.
अर्थात एक व्यक्ति को या कम्पनी को मात्र किसी भी देश का अधिकतम कर देना होता है, हर देश पर कर उस देश की दर से नहीं. अब यह सन्धि इसलिए की गयी थी कि जो व्यक्ति एक देश से बाहर जा कर पैसा कमाता है उसे अधिक कर न देना पड़े.
कहने की आवश्यकता नहीं यह विकासशील देशों से विकसित देशों में पलायन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था जिससे विकसित देश अपना फायदा कर सकें.
चलिए यहाँ तक तो ठीक था परन्तु भारत नें mauritius जैसे देशों से एक सन्धि और की जिसके अनुरूप भारत mauritius से आने वाले धन पर कुछ भी टैक्स नहीं लगाएगा. दूसरे उस धन के लिए भारत सरकार धन लाने वाले के नाम पते की जांच नहीं करेगी और उस व्यक्ति को भी अपनी पहचान गुप्त रखने की छूट दी गयी.
अब आप स्वयं कल्पना कर सकते हैं कि वह धन किसका होगा? उसके लिए पैसा बस mauritius से आना चाहिए. अब भ्रष्ट लोगों ने mauritius नामक देशों में वहां पर मात्र कागज़ी कम्पनी बनायी और धन भारत भेजना शुरू कर दिया.
इससे भी बड़ी एक और बात इन देशों से आये धन जो डॉलर में आएगा उसे भारत डॉलर में ही जब वह चाहे लौटायेंगे. यह सबसे खतरनाक बात है. इसका अर्थ यह है कि इस प्रकार का धन आएगा और SENSEX को पहले बढ़ाएगा और जब share prices बढ़ जाएँगी तो भारत से पैसा ले कर बाहर ले जायेंगे.
चलिए SENSEX छोड़ कर एक और बात पर विचार करते हैं. यदि मैं अपने मित्र के साथ एक कम्पनी खोलूं और मेरा मित्र अमेरिका या मॉरिशिअस से पैसा 1% प्रतिशत ब्याज पर पैसा ले कर भारत के बैंक में कम्पनी के नाम पर मात्र रख दे तो यहाँ से लगभग 8% ब्याज ले जायेगा.
मतलब बिना कुछ किये 7% का मुनाफा और जो डॉलर में बढ़ोत्तरी से पैसा मिलेगा वह अलग. कल्पना करें कि इस प्रकार से कितनी आसानी से पैसा देश के बाहर चला जाता है.
और एक बात और जानिये कि जब इस पर कुछ समाज सेवियों ने अदालत में केस दर्ज किया और जीत गए तो तत्कालीन सरकार के मंत्री यशवंत सिन्हा जी ने memo दे कर यह नियम निरस्त कर दिया.