सीता के राम
अहिल्या के राम
कौशल्या के राम
केकैयी के राम
सुमित्रा के राम
शबरी के राम
दशरथ के राम
भरत और लक्ष्मण के राम
हनुमान के राम
विभीषण के राम
विश्वामित्र के राम
और रावण के भी राम
राम तो सबके होते हैं… सबके रहेंगे
लेकिन अयोध्या,
वो अयोध्या तो केवल राम की है…
मैंने तुम्हें जन्म नहीं दिया,
फिर भी तुम्हारी जन्मभूमि हूँ
मुझसे तुम्हें वनवास मिला
फिर भी दीपावली मैंने ही मनाई…
जो तुम्हें जपेगा तुम्हारा अवश्य हो जाएगा,
तुम जगत के हो और जगत के ही कहलाओगे….
तुम सबके हो राम….
लेकिन मैं….
मैं तुम्हारी अयोध्या हूँ राम!