कई तरह की खबरें सोशल मीडिया में चल रही है, मसलन — जिहादी-वामपंथी विचारधारा के लोग यह कह कर खुशियाँ मना रहे कि उन्होंने RSS के पोस्टर बॉय को बुरी तरह पीट दिया, यूनिवर्सिटी में बोलती बंद कर दी संघी तारिक की.
इसके लिए एक फोटोशॉप तस्वीर मीडिया में सबसे पहले muslimmirror.com ने प्लेस किया जिसे बाकी मीडिया वालों ने बिना चेक किए चलाया और सोशल मीडिया पर बैठे इनके चेले-चपाटों ने इसे हाथों हाथ लिया.
दरअसल यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम का खुलासा होते ही कुछ मुल्लाओं के बहकाये खालिस्तानी लड़के और वामपंथी विरोध करना शुरू कर चुके थे. यूनिवर्सिटी में भाषण का टॉपिक “पाकिस्तान और बलूचिस्तान” पर था तो वामपंथी / मुल्लाओं का विरोध करना स्वाभाविक था.
यूनिवर्सिटी गेट पर ही एक 6 फिट लंबा वामपंथी लड़का गगन ढिल्लोन जिसने 67 साल के बूढ़े इंसान जो छड़ी के सहारे चलता है, को कंधे पर से ज़ोर से धक्का दे बहादुर बनने की कोशिश की.
अरे जिसे केंसर नहीं मार सकी, जिसे मारने का ख्वाब पाले कितने पाकिस्तानी जिहादी मुल्ला दोज़खनशीं हो चुके, जो न जन्नत वाले से डरता है और न पैगम्बर से उसे ये वामपंथी क्या डराएगा?
67 साल की जिन्दगी जी चुके, जितना कुछ करना था लगभग कर चुके, अब तो बोनस की जिन्दगी जी रहे हैं तारीख फतेह. जिसके लिए हजारों लाखों मानवतावादी दुआएं करते हों, उसका कोई क्या बिगाड़ेगा?
डॉ. आलम
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति मेकिंग इंडिया ऑनलाइन (www.makingindiaonline.in) उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार मेकिंग इंडिया ऑनलाइन के नहीं हैं, तथा मेकिंग इंडिया ऑनलाइन उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.