AEPS के आते ही कैशलेस ही नहीं कार्डलेस भी हो जाएगा देश

सरकार ने योजना आयोग को बदल कर नीति आयोग बना दिया था.

याद है न?

जब नीति आयोग बना तब से कुछ महीने पहले तक पता ही नहीं चल रहा था कि नीति आयोग कर क्या रहा है.

पर अब नीति आयोग अपने फॉर्म में आ गया है और उसके काम दिखने लगे हैं.

नोटबंदी के बाद की अगली कड़ी में सरकार का इरादा देश को कैशलेस बनाने का है.

शुरुआत भले ही लेस-कैश से हो लेकिन भविष्य की प्लानिंग कैशलेश की ही है.

नीति आयोग ने सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है जिससे सभी ट्रांजैक्शन कार्डलेस हो जाएगा और पिन भी याद रखने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

इसके लागू हो जाने के बाद डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी पासबुक और चेकबुक की तरह आउटडेटेड हो जाएँगे.

सरकार का डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य को पूरा करने में भी सहयोग मिलेगा.

नीति आयोग ने सुझाव दिया तो सरकार ने उसकी तैयारी भी शुरू कर दी.

अब सरकार एक कॉमन मोबाइल App बना रही है जिसको सभी एंड्रॉएड फोन यूज़र्स आसानी से उपयोग में ले सकेंगे.

तब अलग-अलग ई-वॉलेट वाले एप्प डाउनलोड नहीं करने पड़ेंगे…. सिर्फ एक App और सारे काम उससे ही हो जाएँगे.

मतलब बैंकों के App की भी जरुरत नहीं पड़ेगी.

अपने बैंक एकाउंट को आधार से जोड़ना होगा बस…. उसके बाद फण्ड ट्रांसफर, बैलेन्स इन्क्वायरी, कैश डिपॉजिट, निकालना और इंटरबैंकिंग ट्रांजेक्शन सब आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के इस्तेमाल से हो जाएगा.

जिनके पास एंड्रायड फोन नहीं है या जो उसका उपयोग करना नहीं जानते हैं, उनके लिए अभी राशन की दुकानों में और पोस्टमैन के द्वारा उपयोग में लाया जा रहा डिवाइस तो है ही.

एईपीएस जो अभी उपयोग में लाया जा रहा है उसकी बॉयोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की क्षमता 10 करोड़ की है… सरकार ने 40 करोड़ क्षमता का लक्ष्य दिया है ताकि ज्यादा उपयोग किया जा सके.

आधार कार्ड 100 करोड़ लोगों को दिया जा चुका है, जो 25 करोड़ बाकी हैं, बस उनको ही तकलीफ होगी.

बाकी तो कुछ बांग्लादेशी भी कैशलेस की सुविधा उठा लेंगे तो ममता बनर्जी और केजरीवाल का दर्द भी कुछ कम हो जाएगा.

अब अपने मोबाइल में एक App के लिए थोड़ी जगह बचा कर रखना पड़ेगा. इस सरकार का भरोसा नहीं कब आधी रात को paytm, मोबिक्विक की दुकान बंद कर दे या कैश ट्रांजेक्शन को ही बैन कर दे.

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